अलग बैक्टीरिया होते हैं कसरत करने वाले और एथलीटों के पेट में…

हमने आसपास कई लोगों को देखा होगा, जो खूब व्यायाम करते हैं। फुर्त रहते हैं और मैराथन भी दौड़ते हैं। कुछ लोग होते हैं, जो हमेशा सुस्त रहते हैं। उन्हें व्यायाम करना किसी जंग जैसा लगता है। कई बार मन में आता है कि काश सुस्ती को दूर करने का कोई स्थायी तरीका होता। कुछ ऐसा होता, जिससे सुस्त लोग भी फुर्त हो जाते। यह सवाल सिर्फ आपके मन में ही नहीं, वैज्ञानिकों के मन में भी चल रहा है। वैज्ञानिक इस संभावना पर अध्ययन कर रहे हैं कि किसी एथलीट के पेट के बैक्टीरिया सुस्त इंसान में फुर्ती ला सकते हैं या नहीं? चूहों पर प्रयोग के दौरान नतीजे काफी हद तक सकारात्मक पाए गए हैं।

हाल के वर्षों में वैज्ञानिकों ने मनुष्यों के पेट में रहने वाले अनगिनत बैक्टीरिया से सेहत पर पड़ने वाले व्यापक असर पर शोध किया है। इन अध्ययनों में पाया गया है कि हमारे पेट में कौन से बैक्टीरिया हैं और उनकी स्थिति कैसी है, इससे शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। वजन, बीमारियों के खतरे और उम्र पर भी इनका असर देखने को मिलता है।

चूहों पर दिखे हैं सकारात्मक नतीजे-    बैक्टीरिया के असर और उनकी गतिविधि को देखते हुए कुछ शोधकर्ताओं ने खास तरह की सेहत वाले लोगों के पेट के बैक्टीरिया निकालकर दूसरी तरह के सेहत वाले लोगों में पहुंचाकर अध्ययन किया। उदाहरण के तौर पर पतले लोगों के पेट के बैक्टीरिया मोटे लोगों के पेट में पहुंचाए गए। हालांकि इनके नतीजे मिलेजुले रहे। कुछ प्रयोगों में पाया गया कि नए बैक्टीरिया पेट में पहुंचने के बाद मोटे चूहों का वजन बढ़ना रुक गया। कुछ चूहों का वजन कम भी हुआ। हालांकि मनुष्यों के मामले में नतीजे ऐसे नहीं मिले।

अभी कायम है उम्मीद-    इन मिले-जुले नतीजों के बाद भी वैज्ञानिकों ने हिम्मत नहीं हारी है। हाल के शोधों में पाया गया है कि शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय रहने वालों के पेट में सुस्त लोगों की तुलना में कुछ विशेष प्रकार के अतिरिक्त बैक्टीरिया पाए जाते हैं। अनुमान है कि बैक्टीरिया में यह अंतर व्यायाम से शरीर पर पड़ने वाले असर को निर्धारित कर सकता है। ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि सक्रिय लोगों के पेट से उन विशेष बैक्टीरिया को सुस्त लोगों के पेट में डाल देने से शायद उनकी सुस्ती भी दूर जाए।

चुनौतियां भी कम नहीं-    सिद्धांत के रूप में यह बात जितनी आसान लगती है, उतनी आसान है नहीं। इस बात की पहचान करना किसी चुनौती से कम नहीं है कि शारीरिक क्षमता और सेहत के लिए निश्चित तौर पर कौन से बैक्टीरिया जिम्मेदार हैं। दूसरी बात कि कौन से बैक्टीरिया किसी अन्य निष्क्रिय बैक्टीरिया को सक्रिय कर देते हैं, यह स्पष्ट नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि दूसरे के शरीर में पहुंचने के बाद वहां पहले से उपस्थित बैक्टीरिया के साथ नए बैक्टीरिया किस तरह सामंजस्य स्थापित करेंगे? फिलहाल सवाल बहुत हैं।

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