अलगावादी कश्मीरी नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन हो गया है. वह 92 साल के थे. गिलानी के निधन के बाद जहां कुछ नेताओं की ओर से शोक व्यक्त किए जा रहे हैं वहीं कई नेता उनके निधन के बाद राजनीतिक बयानवाजी कर रहे हैं. गिलानी के इंतेकाल के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने शोक जताया है वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान राजनीति शुरू कर चुके हैं.

गिलानी के निधन के बाद महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट कहा कहा, ”गिलानी साहब के निधन की ख़बर से दुखी हूं. बहुत से मुद्दों पर हमारे बीच मतभेद थे लेकिन मैं उनका सम्मान करती हूं. अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दें और उनके परिजनों को सब्र दें.”
वहीं इमरान खान ने उनकी मौत के बाद राजनीति करते हुए पाकिस्तानी झंडे को झुका दिया. इसके अलावा इमरान खान ने एक दिन के लिए राष्ट्रीय शोक का एलान किया है. इमरान खान ने कहा कि गिलानी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं.
इमरान के घड़ियाली आंसू
इमरान खान ने कहा कि कश्मीरी नेता गिलानी उम्रभर अपने लोगों और उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहे. इस दौरान इमरान खान ने यह भी कहा कि भारत ने प्रताड़ित किया और कैद करके रखा. हम पाकिस्तान में उनके संघर्षों को सलाम करते हैं.
कुरैशी का बयान
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गिलानी को कश्मीर आंदोलन का मशालवाहक बताया. उनके निधन पर कुरैशी ने कहा कि वह जीवनभर कश्मीरियों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे.
कांग्रेस का पलटवार
कुरैशी के बयान के बाद कांग्रेस ने इसपर आपत्ति जाताई गई है. कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मिस्टर कुरैशी निर्दोष कश्मीरियों की हत्या आपका देश और आपके नेता को इतिहास में दर्ज किया जाएगा.
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