अयोध्या में रामलला अब हर महीने प्रजा से मिलने निकला करेंगे. प्रत्येक महीने में शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को रामलला प्रजा का हाल चाल जानने, उनसे मिलने अपने मंदिर से सरयू तट पर बने रामघाट तक जाया करेंगे. वहां वैदिक विधि विधान से कल्याण महोत्सव पूजन के बाद रामलला सरयू दर्शन करेंगे. सरयू दर्शन के बाद वो वापस मंदिर लौट आएंगे.
श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के मुताबिक, उत्सव प्रिय रामलला और अवधवासियों की भावना के अनुसार न्यास ने तय किया है और विशेष शोभायात्रा के रूप में चक्रवर्ती कोशलेश दशरथ के पुत्र रामलला कभी पालकी, कभी रथ और कभी सुंदर विमान से नगर भ्रमण करेंगे. चक्रवर्ती सम्राट के महिमामय स्वरूप में चंवर छ्त्र और राजदंड धारण कर भव्य शोभायात्रा के साथ रामलला बाहर निकला करेंगे.
ये तो हुई मासिक शोभायात्रा. श्री रामनवमी यानी चैत्र शुक्ल नवमी को अपने जन्मदिन पर रामलला अपने तीनों भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के साथ अलग-अलग रथ पर सवार होकर अपने मंदिर से निकलकर रामकोट में नगरभ्रमण करेंगे. ये विशिष्ट यात्रा दोपहर बारह बजे अभिजीत मुहूर्त में श्री रामलला के प्राकट्य उत्सव के बाद जन्म महाभिषेक और श्रृंगार, राजभोग और आरती के बाद प्रारंभ होगी.
यानी उस दिन राजभोग आरती के बाद प्रभु विश्राम नहीं करेंगे बल्कि नगर में प्रजा से मिलने और उनकी भावनाएं- शुभकामनाएं स्वीकार करने और शुभ आशीष देने स्वयं निकलेंगे. अभी रामलला का नौ दिवसीय जन्मोत्सव समारोह का भव्य समापन शोभायात्रा से होता रहा है. अब वार्षिक के साथ-साथ मासिक उत्सव भी अवध वासियों के साथ-साथ पूरे विश्व के भक्तों को सुख देंगे.