सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में अब सीधे राम मंदिर बनेगा। केंद्र सरकार की ओर से बनाए जाने वाले ट्रस्ट को जमीन सौंपी जाएगी। इसके अलावा प्रथम दृष्टया इस जमीन को लेकर अब कोई अन्य लिखा-पढ़ी नहीं होनी है।

कोर्ट ने रामलला विराजमान को कानूनी मान्यता देते हुए विवादित भूमि 2.77 एकड़ का मालिकाना हक उनको सौंप दिया। राजस्व विभाग के अफसरों का मानना है कि जमीन विराजमान रामलला के पक्ष में बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सीधे सौंप दी जाएगी।
वहीं, जब तक ट्रस्ट नहीं बनता, भूमि रिसीवर के कब्जे में ही रहेगी। अधिगृहीत परिसर के रिसीवर व कमिश्नर मनोज मिश्र ने बताया कि जमीन केंद्र सरकार से बनने वाले ट्रस्ट को सीधे सौंप दी जाएगी। यह बात फैसले में लिखी है।
यह दूसरा मौका है जब कमिश्नर और रिसीवर के मौजूद रहते कोई स्पेशल अफसर अयोध्या में बैठाया गया। दोनों अफसर जिले में पहले तैनात रह चुके थे। यहां के बारे में अच्छी जानकारी रखते थे। 15 मार्च 2002 को आयोजित शिलादान कार्यक्रम के लिए पीएमओ में तैनात रहे आईएएस अफसर शत्रुघ्न सिंह को केंद्र सरकार ने यहां भेजा था जो पहले यहां कमिश्नर रह चुके थे।
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