अयोध्या में राम मंदिर मामले पर आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्प्णी के बीच, रामायण म्यूजियम को लेकर भी बड़ी खबर आई है. सूत्रों के अनुसार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामायण म्यूजियम परियोजना को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. केंद्र की मोदी सरकार ने इसका ऐलान किया था लेकिन अखिलेश सरकार में इस परियोजना पर काम आगे नहीं बढ़ा पाए थे. अब यूपी में बीजेपी सरकार ने इसके लिए जमीन आवंटित करने का ऐलान किया है.
नारद स्टिंग मामले में ममता बनर्जी की पार्टी के नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं रुकेगी CBI जांचसूत्रों के अनुसार यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने इस परियोजना के लिए 25 एकड़ जमीन देने की बात केंद्र को बताई है. इस परियोजना पर 154 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है. अखिलेश सरकार ने इस परियोजना के लिए जमीन आवंटित नहीं की थी. इस संग्रहालय के लिए केंद्र सरकार ने 154 करोड़ रुपए का प्रवधान किया है लेकिन इस पर अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है. अब सत्ता बदलते ही राज्य की बीजेपी सरकार ने इसे बनाने की तैयारी कर ली है. इसके बाद अगले हफ्ते से ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो सकता है.
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मायावती ने शुरू किया था प्रोजेक्ट
इसकी शुरुआत 2007 में मायावती सरकार ने की थी जब उसने इंटरनेशनल रामलीला संकुल प्रस्तावित किया. जिसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव की वजह से इसमें तेजी आई और 27 एकड़ जमीन चिन्हित की गई. बाद में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई. जून 2015 में केंद्र सरकार ने अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में रामायण संग्रहालय बनाने की घोषणा की लेकिन इसे लेकर कोई ठोस काम नहीं हो पाया. अब योगी सरकार ने इसके लिए जमीन देने का ऐलान कर दिया है.