अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वार्षिक रक्षा नीति बिल पर वीटो लगाया

900 अरब डॉलर के कोविड-19 राहत बिल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब एक और बिल पर अड़ंगा अड़ा दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने वार्षिक रक्षा नीति बिल पर वीटो लगा दिया है. उनका कहना है कि यह बिल रूस (Russia) और चीन (China) की मदद करने वाला है. एक हफ्ते पहले ही अमेरिकी संसद ने 740 अरब डॉलर वाले डिफेंस पॉलिसी बिल (Defense Policy Bill )को पारित किया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो वीटो लगाया है, उसका मतलब यह नहीं कि पेंटागन की फंडिंग तुरंत बंद हो जाएगी. लेकिन अगर जल्द ही यह बिल पास नहीं हुआ, तो पेंटागन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप के इस कदम की अमेरिका में आलोचना भी हो रही है. ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने में एक महीने से भी कम का समय बचा है. मगर इससे पहले ट्रंप दो महत्वपूर्ण बिल को अटका चुके हैं.

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में यह शायद पहला मौका है जब उन्होंने किसी बिल पर ओवरराइड वोट किया हो. इस बिल में अमेरिकी सैनिकों के वेतन में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की बात कही गई है. साथ ही सैन्य कार्यक्रमों और निर्माण के लिए 740 अरब डॉलर का प्रावधान इस बिल में है. यह बिल अमेरिकी संसद में पारित हो गया था. इसके बाद नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (NDAA) को संसद के दोनों सत्रों में समर्थन मिला था. अब इसे बस राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना बाकी है. मगर ट्रंप ने पहले ही कह दिया था कि वह इससे खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि इसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कानून सुरक्षा के प्रावधान नहीं हैं. उन्होंने तभी कह दिया था कि वह वीटो का इस्तेमाल करेंगे.

इस बिल में LAC पर चीन की बढ़ती आक्रामकता का भी जिक्र है. भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव पेश किया था. इसके मुताबिक चीन भारत की सीमा में घुसने या इससे छेड़छाड़ की कोशिश न करें. संसद ने बिल पास करते हुए राजा कृष्णमूर्ति के प्रस्ताव को भी शामिल कर लिया.

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