नोबेल असेंबली ने कहा है, ‘उनकी खोजों में इस बात की व्याख्या की गई है कि पौधे, जानवर और इंसान किस प्रकार अपनी आंतरिक जैविक घड़ी के अनुरूप खुद को ढालते हैं ताकि वे धरती की परिक्रमा के अनुसार अपने को ढाल सकें।
इससे पहले कई सालों तक वैज्ञानिकों को यह नहीं पता था कि मनुष्य समेत अन्य जीव जंतुओं में एक आंतरिक घड़ी होती है जो उन्हें दिन की गति के अनुरूप खुद को ढालने में मदद करती है।
नोबेल असेंबली ने कहा, ‘72 वर्षीय हॉल, 73 वर्षीय रोसबाश और 68 वर्षीय यंग हमारे भीतर जैविक घड़ी को देखने में सक्षम रहे और उसके भीतरी कामकाज को स्पष्ट किया।’ जैविक घड़ी हार्मोन स्तर, निद्रा, शरीर का तापमान और चय उपाचय जैसे जैविक कार्यों को प्रभावित करती है।
पिछले साल जापान के योशीनोरी ओशुमी को ऑटोफेजी पर उल्लेखनीय कार्य के लिए चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
BREAKING NEWS The 2017 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded to Jeffrey C. Hall, Michael Rosbash and Michael W. Young. pic.twitter.com/lbwrastcDN
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 2, 2017