अफगानिस्तान ने अमेरिका-तालिबान शांति समझौते में एक दिन बाद ही कैदियों की रिहाई के लिए सार्वजनिक रूप से असहमती जताई है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि वह अगले हफ्ते के लिए निर्धारित वार्ता से पहले तालिबान कैदियों को मुक्त नहीं करेंगे।
अशरफ गनी की टिप्पणियों को शांति समझौता लागू करने में पहली अड़चन के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका-तालिबान शांति समझौते का उद्देश्य 18 से अधिक वर्षों के बाद अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करना और अफगान गुटों को देश के भविष्य के लिए शांति स्थापित करना है। अमेरिका अगले 14 महीने में अफगानिस्तान से अपने चरणबद्ध तरीके से अपने सैनिकों को निकालेगा।
अमेरिकी-तालिबान समझौते के तहत अफगानिस्तान सरकार 10 मार्च को ओस्लो में अफगान गुटों के साथ वार्ता से पहले 5 हजार तालिबानी कैदियों को छोड़ेगी, जबकि तालिबान 1 हजार कैदियों को रिहा करेगा।
गनी ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका इस तरह का वादा नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि कैदियों की रिहाई उनकी सरकार का फैसला है और वह बातचीत शुरू होने से पहले कैदियों को रिहा करने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा कैदियों की रिहाई के लिए अनुरोध किया गया है और यह वार्ता का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह एक शर्त नहीं हो सकती।’
दोहा में तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के कुछ ही घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से तालिबान नेताओं से मिलने की योजना बनाई है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे वही करेंगे जो उन्होंने कहा है।