‘समाधान’ लेने वाले कारोबारियों की रिटर्न जमा करने में आ रही समस्याओं के समाधान की जीएसटी पोर्टल पर सुविधा दी गई है। हाल ही में जीएसटी आर 4 रिटर्न की नई सुविधा ऑफलाइन टूल कारोबारियों को मुहैया कराई गई है। इस टूल के जरिए ऑफलाइन रिटर्न का विवरण जमा कर सकते हैं।
75 लाख टर्न ओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी में समाधान विकल्प दिया गया था। इस तरह का विकल्प लेने वाले कारोबारियों को कुल बिक्री पर महज 1 फीसदी कर देना होता है, लेकिन ऐसे कारोबारी किसी भी तरह के इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए दावा नहीं कर सकते हैं।
इसके साथ ही तिमाही रिटर्न जमा करना होता है। हर माह रिटर्न जमा करने के झंझट से छुटकारा है। इधर प्रदेश के कुल 98,783 में से 15,786 कारोबारियों ने समाधान विकल्प को चुना है। समाधान के कारोबारियों को पहली तिमाही का रिटर्न जीएसटी आर 4 जमा करने में खासी दिक्कत हो रही थी।
ऑनलाइन रिटर्न जमा करने में धीमी इंटरनेट रफ्तार, प्रोसेसिंग में अधिक समय से खासी समस्या हो रही है। इसके मद्देनजर जीएसटी पोर्टल पर तीन-चार दिन पहले एक ऑफलाइन टूल की सुविधा दी गई है। इस टूल के जरिए कारोबारी इत्मीनान से खरीद फरोख्त का विवरण ऑफलाइन दे सकते हैं। बाद में इसको ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
ऑफलाइन टूल में कई तरह की शीटें हैं। इनमें वी टू वी शीट पर ऐसे खरीद का विवरण देना है जो जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों से हुई है और रिवर्स चार्ज पर टैक्स दिया हो। इसी तरह वी टू सी है, इस शीट पर गैर पंजीकृत कारोबारियों से खरीद का विवरण देना है। ऐसे ही पंजीकृत कारोबारियों से डेबिट व क्रेडिट नोट और गैर पंजीकृत कारोबारियों से डेबिट व क्रेडिट नोट का भी जिक्र है।
जीएसटी आर 4 में ऐसी शीट का उल्लेख नहीं है जो जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों से खरीद हुई है, लेकिन रिवर्स चार्ज नहीं दिया गया है। इसको लेकर कारोबारी सांसत में है। राज्य कर के सहायक आयुक्त वीपी ओझा ने बताया कि यदि पंजीकृत कारोबारी जिन्होंने ‘समाधान’ कारोबारी को माल बेचा है वह जीएसटी आर 1 जमा करेगा तो समाधान वाले कारोबारियों की जीएसटी आर 2 में दिखाई देगा। इसलिए यदि जीएसटी आर 4 में विवरण नहीं है तो कोई समस्या नहीं है हालांकि इस पर आला अधिकारियों से भी विचार विमर्श किया जा रहा है।