अभी-अभी: BHU में लगातार बढ़ रहे आक्रोश पर बोले कुलपति, कहा-…तो नहीं चला पाऊंगा विश्वविद्यालय

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद विश्वविद्याल में बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में जहां यूनिवर्सिटी पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं वहीं कुलपति के रवैये को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दूसरी ओर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान वाइस चांसलर ने विश्वविद्यालय के इस मामले को बाहरी ताकतों द्वारा उकसाया हुआ बताया।अभी-अभी: BHU में लगातार बढ़ रहे आक्रोश पर बोले कुलपति, कहा-...तो नहीं चला पाऊंगा विश्वविद्यालय
कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी कहते हैं कि कैंपस में लड़के-लड़कियों की सुरक्षा के मानकों से समझौता नहीं किया गया है। सुरक्षा के सवाल और यौन शोषण की शिकायतों पर कुलपति ने कहा कि गुरुवार को हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इससे बेहद दुखी हूं, लेकिन कई बार मुद्दे बनाए जाते हैं।

ये मुद्दा क्रिएट किया गया है। मुझे ऐसा लगता है कि कुछ बाहरी लोगों ने इस मामले को जबरदस्ती तूल दिया। ये लोग झूठ को भी सच की तरह पेश कर रहे हैं, यही वजह है कि अपरिपक्व और मासूम दिमाग उसे सच की तरह स्वीकार कर रहे हैं।

बीएचयू में झूठ को सच बनाकर पेश किया गया

यूनिवर्सिटी राजनीतिक जमीन नहीं है, युवा हमेशा से सच और न्याय के लिए खड़े होते हैं, लेकिन बीएचयू में झूठ को सच बनाकर पेश किया गया जिसे समझकर छात्र-छात्राएं सच समझकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ लोग अपने स्वार्थ और गलत इरादों को पूरा करने के लिए इस घटना को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अगर छात्र-छात्राओं को कोई शिकायत है तो उन्हें इस मामले में यूनिवर्सिटी को कुछ करने के लिए कहना चाहिए था, लेकिन यहां विश्वविद्यालय के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई। बीएचयू अकेला ऐसा संस्थान नहीं है, देश की हर यूनिवर्सिटी इस तरह के मामलों से परेशान है।

ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग पीड़ितों से सहानुभूति जता रहे हैं वो अपने राजनीतिक इरादों को पूरा करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। हमने पीड़ित छात्रा से बात की और वो हमारे द्वारा इस मामले को लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर संतुष्ट है, जबकि वो इस मामले को लेकर हो रही राजनीति को लेकर परेशान है।

ये यौन शोषण का मामला नहीं है बल्कि छोड़छाड़ का मामला है

मैं और विश्वविद्यालय प्रशासन छात्राओं की कैंपस में सुरक्षा की स्थिति बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। हम कैंपस में स्ट्रीट लाइट्स की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ ज्यादा गार्ड्स की तैनाती कर रहे हैं।

कौन लोग हैं जो यौन उत्पीड़न के मामले को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, इस सवाल के जवाब में वीसी ने कहा कि ये यौन शोषण का मामला नहीं है बल्कि छोड़छाड़ का मामला है।

ये वो लोग हैं जो अपने निहित स्वार्थ के लिए काम करते हैं। उन्हें अपने राष्ट्र और संस्थान की परवाह नहीं है। उनके लिए निजी हित ही सबकुछ हैं। प्रधानमंत्री आने वाले थे इसलिए मुझे लगता है ये सब कुछ करवाया गया था। इसी वजह से इस मामले को यौन शोषण का रूप दिया गया।

हर छात्र की नहीं सुन सकते हम

क्रिमिनल माइंड के लोगों ने निर्दोष छात्रों को इस मामले में विश्वविद्यालय के खिलाफ खड़ा किया है। वो इन लोगों के बीच में ही हैं इस वजह से उन्हें पहचानना मुश्किल हैं। वो चाहते हैं कि मैं उनसे जाकर मिलूं, लेकिन क्या मुझे बात करने के लिए वहां जाना होगा। मै महिला महाविद्यालय में जाकर बात करने के लिए तैयार था, लेकिन क्रिमिनट माइंड के लोगों ने पेट्रोल बॉम्ब और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। ऐसी स्थिति में वहां कैसे जाऊं।
जब सुरक्षा के उपाय हैं तो कैंपस में शोषण का मामला कैसे सामने आया, इस सवाल के जवाब में कुलपति कहते हैं कि घटनाएं होती हैं। कैंपस में 10 हजार छात्राएं हैं। हम हॉस्टल में उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं, लेकिन कैंपस में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। 

ऐसी परिस्थिति में ही इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। हम हर स्टूडेंट के साथ गार्ड तैनात नहीं कर सकते। हम हर छात्रा की नहीं सुन सकते, अगर हम हर किसी की बात सुनने लगे तो हम विश्विद्यालय नहीं चला सकेंगे।

 

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