आरबीआईने सभी बैंकों को 8 नवंबर को प्रधानमंत्री की नोटबंदी की घोषणा के तुरंत बाद से 30 दिसंबर तक बैंकों के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने के आदेश जारी किए हैं।
ऐसे में सीसीटीवी फुटेज को लेकर अधिकांश बैंकों में हड़कंप मचा हुआ है। बैंकों में लगे सीसीटीवी कैमरे में तीन महीने का डाटा सुरक्षित रहता है। तीन महीने के सीसीटीवी फुटेज हार्ड डिस्क में अलग रखने के निर्देश दिए हैं।
बैंकों से जुड़ी सुरक्षा एजेंसियां इसको अपने कब्जे में लेंगी। इधर, बैंकों में नकदी का संकट अब तक बना हुआ है। लोगों का कहना है कि बड़े शहरों में बैंकों में नए नोट मिलना आसान हो गया है, लेकिन पाली शहर में अब तक नोटों की समस्या बनी हुई है। इसमें गांवों में सबसे ज्यादा हालत खराब है।
जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद कई स्थानों पर नोट बदलवाने में बैंक अधिकारियों की भूमिका सामने आने तथा बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरतने के बाद रिजर्व बैंक गंभीर हो गया है। हाल ही में बंगलुरू में रिजर्व बैंक के अधिकारियों को ही करोड़ों रुपए के पुराने नोटोंं को नए नोट में बदलने के आरोप में गिरफ्तार भी किया है। इसके चलते रिजर्व बैंक ने आदेश जारी कर नोटबंदी के दिन से ही 30 दिसबंर तक प्रत्येक बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज सुरक्षित रखने के लिए निर्देशित किया है।
संदिग्ध बैंकों पर नजर
आरबीआई की संदिग्ध बैंकों पर विशेष नजर है। बताया जाता है कि कुछ बैंकें रिजर्व बैंक की नजरों में भी आई है। बैंकों से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने आरबीआई के मांगने पर उपलब्ध कराने के निर्देश बैंकों को भेज दिए हैं। जबकि अन्य बैंकों को फुटेज सुरक्षित रखने को कहा है। लापरवाही बरतने वाले बैंक अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।