नई दिल्ली: अब 5 साल से पहले नौकरी छोड़ने पर आपको ग्रैच्युटी का नुक्सान नहीं होगा। प्रॉविडैंट फंड (पी.एफ.) की तर्ज पर आपकी ग्रैच्युटी भी ट्रांसफर होगी। इसके लिए सरकार हर कर्मचारी को ग्रैच्युटी के लिए यूनीक नंबर अलॉट करेगी। लेबर मिनिस्ट्री इसके लिए पेमैंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट में बदलाव करने पर विचार कर रही है।
बड़ा खुलासा : JNU की छात्रायें करती हैंं प्रोफेसरों के बिस्तर गर्म, रात भर चलती हैं सेक्स पार्टियाँ..
पी.एफ की तर्ज पर आपकी ग्रैच्युटी भी होगी ट्रांसफर
तीनों पक्षों की बुलाई जाएगी बैठक
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सैक्रेटरी डी.एल. सचदेव ने बताया कि सरकार ग्रैच्युटी का फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को देना चाहती है। इसे लेकर ट्रेड यूनियनों के रिपे्रजैंटेटिव्स और लेबर मिनिस्ट्री के बीच बातचीत हुई है। लेबर मिनिस्ट्री ग्रैच्युटी को यूनीक नंबर देकर ट्रांसफर करने के लायक बनाने पर भी चर्चा करेगी। इस संबंधी तीनों पक्षों (ट्रेड यूनियन, इम्प्लॉयर्स और सरकार के रिपे्रजैंटेटिव्स) के बीच जल्द बैठक होगी।
बड़ी खबर: मोदी सरकार ने युवाओं को दिया बड़ा तोहफा, पढ़ें पूरी खबर
ग्रैच्युटी के लिए 5 साल सर्विस जरूरी
डी.एल. सचदेव के मुताबिक प्राइवेट सैक्टर में काम करने वाले लोग जल्द नौकरी बदलते हैं। इसके अलावा कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी ठेकेदार एक जगह से हटा कर दूसरी जगहों पर काम पर लगा देते हैं। ऐसे में कर्मचारियों को ग्रैच्युटी का नुक्सान होता है। अभी ग्रैच्युटी के लिए कम से कम 5 साल की सर्विस होना अनिवार्य है।
प्राइवेट सैक्टर में सी.टी.सी. से कटती है ग्रैच्युटी
प्राइवेट सैक्टर में कंपनियां इम्प्लॉई की ग्रैच्युटी का पैसा कॉस्ट टू कंपनी यानी सी.टी.सी. से काटती हैं। ऐसे में अगर कोई 5 साल से पहले कंपनी छोड़ देता है तो उसे सी.टी.सी. पैकेज से कटा हुआ पैसा भी नहीं मिलता है।