राजनीति के धुरंधर नेता अक्सर ही सुरक्षा घेरे में रहना पसंद करते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में कुछ चुनिंदा नेताओं के पास ही Z सिक्योरिटी सेवा है। इन नेताओं के बीच बाबा राम रहीम भी हैं जिन्हें Z+ सिक्योरिटी दी गई थी। लेकिन साध्वी रेप केस मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की CBI कोर्ट ने दोषी करार दे दिया। हरियाणा के मुख्य सचिव ने बताया कि बाबा की सारी सिक्योरिटी हटाई दी गई। इसके साथ ही जेल में बाबा को आम कैदी की तरह रखा जा रहा है।
Z सिक्योरिटी के दायरे में 13 नेता और VIP शामिल हैं। राजनीति में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जिनके पास Y,Yप्लस और X श्रेणी की सुरक्षा है। आज हम आपको बताएंगे कि क्या अंतर है Z और Z प्लस श्रेणी ,Y श्रेणी और X श्रेणी में और इसके साथ ही हम आपको उन नेताओं के बारे में बताएंगे जो इस हाई सिक्योरिटी सुरक्षा घेरे में रहते हैं।
Z श्रेणी सिक्योरिटी
इधर कल पूरा मीडिया बाबा के फैसले पर चिंतित, उधर पीएम मोदी ने उठा लिया सबसे बड़ा कदम कि…
Z श्रेणी सिक्योरिटी में जेड प्लस श्रेणी से कुछ कम सिक्योरिटी होती है, जेड श्रेणी की सुविधा कुछ कम महत्वपूर्ण नेताओं को दी जाती है। इस श्रेणी में CISF, ITBP, BSF या दिल्ली पुलिस के 28 जवान तैनात रहते हैं।
Z प्लस सुरक्षा श्रेणी
Z प्लस हाई सिक्योरिटी श्रेणी की सुरक्षा है। इसमें 36 बेहतरीन जवानों की सुरक्षा इकाई होती है। इन जवानों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी मिली होती है। ये जवान बिना हथियार के भी दुश्मन से मुकाबला कर सकते हैं। Z प्लस श्रेणी के जवान अत्याधुनिक एमपी-5 बंदूकों और बातचीत के साधनों से भी लैस होते हैं। नेताओं के सुरक्षा काफिले में इनको जैमर, रोड ओपनिंग गाड़ियां दी जाती हैं।
बता दें कि Z प्लस सिक्योरिटी में निकलता था राम रहीम का काफिला। डेरा प्रमुख को सिख चरमपंथियों, देश और विदेश में बैठे कट्टरपंथियों से खतरा है इसलिए हरियाणा ने उनको अपने राज्य में खास सुरक्षा दे रखी है। लक्जरी गाडिय़ों के काफिले में उनकी गाडिय़ों के आगे-पीछे खुली जिप्सी में सवार सुरक्षाकर्मी निगाहें गड़ाए बैठे रहते हैं। बाबा किस गाड़ी में बैठे है लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नही हो पाती है, जैसे ही कहीं पहुंचते है वैसे ही उनकी गाड़ियों को बड़े टेंट से ढंक दिया जाता है।