न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि हमने हाईकोर्ट के फैसले में बदलाव करते हुए राज्य सरकार को एकमुश्त 15 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है। पीठ ने हिमाचल प्रदेश के सदस्य सचिव की सहमति से उस धन को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में पीड़िता के नाम मासिक ब्याज के भुगतान वाली सावधि जमा योजना में जमा करवाने को कहा।
पीठ ने कहा कि उस जमा का मासिक ब्याज पीड़िता के अभिभावकों के जीवित रहने तक उन्हें दिया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि समय-समय पर यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि वह राशि पीड़िता के कल्याण के लिए खर्च किए जा रहे हैं या नहीं।