लखनऊ। गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के वोटों की गिनती शुरु हो गई है। सबसे पहले बैलेट वोट गिनती जारी है। शुरुअाती रुझान में दोनों जगह पर भाजपा प्रत्याशी अागे चल रहे हैं। इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती होगी। दोपहर 12 बजे तक दोनों सीटों के नतीजे आने की उम्मीद है।
गोरखपुर लोकसभा सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। जबकि, इलाहाबाद की फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। इन दोनों सीटों पर 11 मार्च को उपचुनाव हुए थे। गोरखपुर में 43 प्रतिशत व फूलपुर में 37.39 फीसद वोट पड़े थे। भाजपा के लिए यह दोनों ही सीटें प्रतिष्ठा से जुड़ी हैं। बुधवार को इन दोनों सीटों के परिणाम आ जाएंगे।
गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मतगणना स्थल पर इस वक्त पोस्टल वोट का पैकेट खोलने का काम हो रहा है। मतगणना के मददेनजर मतगणना स्थल गोरखपुर विश्वविद्यालय पररिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है।गोरखपुर लोकसभा सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। इस दोनों सीट पर 11 मार्च को उपचुनाव हुए थे।
यूपी में औसत मतदान
उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहा। इन सीटों पर हुए मतदान को आगामी आम चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक इम्तिहान माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि गोरखपुर में 43 फीसदी मतदाताओं ने जबकि फूलपुर में 37.39 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
जानिए क्या होगा असर
इन लोकसभा सीटों के नतीजे न सिर्फ यूपी बल्कि केंद्र की राजनीति के सियासी समीकरणों में भी बड़ा बदलाव लाएंगे। खासतौर पर गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव को राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सपा-बसपा की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है। गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव से पहले यूपी की राजनीति ने नई करवट ली है। मतदान से ठीक पहले जहां चिर प्रतिद्वंद्वी सपा-बसपा ने हाथ मिला लिया, वहीं राज्यसभा चुनाव में सपा-बसपा के साथ कांग्रेस भी भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आ गई है।
जाहिर तौर पर अगर उपचुनाव के नतीजे सपा के पक्ष में रहे तो इन तीनों दलों के लोकसभा चुनाव से पूर्व एक मंच पर आने की संभावना और मजबूत हो जाएगी। चूंकि ये दोनों सीटें सीएम योगी और डिप्टी सीएम मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई है, इसलिए इसे न सिर्फ भाजपा बल्कि योगी-मौर्य की प्रतिष्ठा से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। अगर सत्तारूढ़ दल अपनी दोनों सीटें जीतने में कामयाब रहा तो सपा-बसपा-कांग्रेस के एक मंच पर आने की संभावनाओं पर ग्रहण लगने के आसार बनेंगे।