एनडीआरएफ निदेशक अतुल करवाल ने बताया कि केंद्रीय आकस्मिक बल अग्रिम क्षेत्रों में तैनाम सीमा सुरक्षा बलों के साथ चर्चा कर रहा है। इसका उद्देश्य बचावकर्मियों की छोटी टीम बनाना है और इन टीमों को चार राज्यों जम्मू-कश्मीर उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जैसे बलों की चौकियों पर तैनात किया जाएगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मी हिमालय में ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनाती से पहले खुद को तैयार करने में जुट गए हैं। वे भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर इंडो तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के सैनिकों के साथ लंबी दूरी की गश्त कर रहे हैं।
एनडीआरएफ निदेशक अतुल करवाल ने बताया कि केंद्रीय आकस्मिक बल अग्रिम क्षेत्रों में तैनाम सीमा सुरक्षा बलों के साथ चर्चा कर रहा है। इसका उद्देश्य बचावकर्मियों की छोटी टीम बनाना है और इन टीमों को चार राज्यों जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जैसे बलों की चौकियों पर तैनात किया जाएगा।इसके लिए आइटीबीपी और एसएसबी जैसे बलों से बातचीत की जा रही है और इनमें बचावकर्मियों की टीम को अपनी चौकी पर भी तैनात किए जाने का अनुरोध किया जा रहा है।
आइटीबीपी और एसएसबी जैसे बलों से बातचीत जारी
एनडीआरएफ निदेशक ने आगे कहाहमारे लिए अलग से टीमों की तैनाती मुश्किल है। हम अपनी कुछ छोटी टीमों को हर समय अधिक ऊंचाई पर क्रियाशील रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर ऊंचाई वाले स्थानों पर बचाव अभियान चलाने के लिए कर्मचारियों को अनुकूलित करना आवश्यक है। यही कारण है कि निचले स्थानों से ऊंचाई वाले स्थानों पर बचाव कर्मियों को एयरलिफ्ट करने के स्थान पर इस रणनीति पर काम किया जा रहा है।