सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कार और बाइक खरीदने के दौरान अब थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूरी है. अगर बाइक खरीदते हैं तो 5 सालों के लिए और कार खरीदने पर दो सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूरी कर दिया गया है. सितंबर 2018 से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लेकर नियमों में बदलाव कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कार और बाइक खरीदने के दौरान अब थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूरी है. अगर बाइक खरीदते हैं तो 5 सालों के लिए और कार खरीदने पर दो सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूरी कर दिया गया है. हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने इस साल के लिए एनुअल प्रीमियम नहीं बढ़ाने का आदेश दिया, जिससे वाहन खरीदने वालों को थोड़ी राहत जरूर मिली है.
IRDA ने कहा कि 1 अप्रैल 2019 के बाद भी इंश्योरेंस कंपनी मोटर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पार्टी के लिए पुराने रेट के हिसाब से ही प्रीमियम चार्ज करे. इस आर्टिकल में आपको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है और इसका फायदा किस तरह उठाया जाता है, इसके बारे में पूरी जानकारी बताने जा रहे हैं.
क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
अगर आपके वाहन से कोई हादसा हो जाता है तो यह इंश्योरेंस काम करता है. हालांकि, थर्ड पार्टी को कितना मिलेगा इसका फैसला मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल (MACT) करेगा.
अगर कोई हादसा होता है, तो सबसे पहले पुलिस को इसकी सूचना देनी है. आपकी गाड़ी है तो इंश्योरेंस कंपनी को भी तुरंत इसकी जानकारी देनी है. थर्ड पार्टी क्लेम के लिए कुछ दस्तावेजों की भी जरूरत होती हैं, जैसे:
1. इंश्योर्ड पर्सन द्वारा हस्ताक्षर किया गया क्लेम फॉर्म.
2. ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, पॉलिसी और FIR की कॉपी.
3.वाहन के आरसी की कॉपी.
4.आवश्यक स्टांप यदि कंपनी के पंजीकृत वाहन के मूल दस्तावेज के मामले में
5.कॉमर्शियल वाहन के मामले में परमिट और फिटनेस, जहां लागू होता हो.