नई दिल्ली| ताड़ के पेड़ों से घिरे सुरम्य केरल बैकवाटर्स हाउसबोट में क्रूज करना एक यादगार अनुभव होता है। लेकिन अब भारत में सुदूर स्थित हवाईअड्डे से भी इस अनुभव को वर्चुअल रियलिटी के साथ हासिल किया जा सकता है। केरल पर्यटन नई दिल्ली और अन्य हवाईअड्डों के प्रस्थान टर्मिनल पर विशेष स्टालों पर ‘द ग्रेट बैकवाटर एक्सपेरियेंस’ क्षेत्र बना रहा है।
केरल बैकवाटर्स का मजा अब दिल्ली में
केरल पर्यटन के निदेशक यू. वी. जोस ने कहा, “इस जोन ने दिल्ली हवाईअड्डे पर कार्य करना शुरू कर दिया है और दर्षक 2000 किलोमीटर दूर स्थित शांत बैकवाटर्स पर एक केट्टुवेलम या परंपरागत फ्लोटिंग बार्ज के अंदर बैठने का लंबा अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इसे वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से संभव बनाया गया है।”
केरल के बैकवाटर को दो मिनट की एक फिल्म के माध्यम से, विशेष रूप से 360 डिग्री प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर एक साथ छह कैमरे का उपयोग कर दर्शकों के लिए उपलब्ध कराया गया है, जिसे ओकुलस रिफ्ट वी.आर. हेडसेट की मदद से देखा जा सकता है।
इस जोन में एक आदमकद हाउसबोट स्थापित किया गया है, जिसके अंदर दर्शक प्रवेश करते हैं और वर्चुअल रियलिटी हेडसेट को पहनते हैं। फिल्म दूर सूर्यास्त, पक्षियों, मछलियों, और अन्य वनस्पतियों और जीवों को देखते हुए एक लैगून की छोटी लहर की सुंदरता को दोबारा सृजित करती है।
यह पहल ब्रांड केरल को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ‘आउट ऑफ होम’ गतिविधि का हिस्सा है। इसे घरेलू बाजार में उच्च निवल मूल्य वाले लोगों पर लक्षित किया गया है।
जोस ने कहा, “दिल्ली ऐसा पहला हवाईअड्डा है, जहां हमने ‘एक्सपेरियेंस साइट’ की स्थापना की है और ऐसी ही तैयारी बेंगलुरू और मुंबई हवाईअड्डों पर भी की जा रही है।”
वर्चुअल रियलिटी के अनुभव के बाद, स्टॉल पर आए लोगों को वहां स्थापित एक डिस्पेंसिंग डिवाइस से एक सुरम्य पोस्टकार्ड पाने के लिए एक विशेष हैशटैग ग्रेटबैकवार्ट्स पर ट्वीट करने के लिए कहा जाएगा।
डिस्पेंसिंग गतिविधि को यूजसर्ं के ट्वीट के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। डिस्पेंस करने वाला विशेष हैशटैग के साथ ट्वीट को कैप्चर करेगा और हर 15 मिनट में एक यूजर को एक पोस्टकार्ड का इनाम दिया जाएगा। पोस्टकार्ड को इस जोन से ही प्रियजनों को भेजा जा सकता है।
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