आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने पर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नाता तोड़ने के बाद जदयू ने अब एनडीए की मुश्किल बढ़ा दी है। बिहार में एनडीए का हिस्सा जदयू ने राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग दोहराई है।
पार्टी ने टीडीपी की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि राज्यों के विभाजन के कारण बिहार और आंध्र दोनों को राजस्व का व्यापक नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 2005 से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
जदयू महासचिव केसी त्यागी और पार्टी के प्रवक्ता पवन वर्मा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। झारखंड के अलग होने से राज्य को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। राज्य के बंटवारे के दौरान ही विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज देने का आश्वासन दिया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ।
यूपीए सरकार के कार्यकाल और बाद में वर्ष 2013 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश ने इस मांग को जोर-शोर से उठाया था। साल 2014 में नई सरकार के गठन के बाद भी जदयू ने लगातार विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। जदयू के फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद नीतीश ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।