इससे पहले राज्य सरकार इन मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसी से करवाने के लिए राजी नहीं थी। जांच के लिए सौंपे गए मामलों में महिलाओं का जबरन या लालच देकर धर्मांतरण और धोखा देकर शादी करना शामिल है।
राज्य पुलिस के पास दर्ज इन मामलों की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी करेगी। एनआईए ने पलक्कड़ और कसरागोद की दो हिंदू युवतियों की शिकायत पर बयान दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर मुस्लिम युवकों से उनकी शादी करा दी गई।
एनआईए के अधिकारी से बातचीत के आधार पर टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि केरल में कुछ सांप्रदायिक संगठन इस कृत्य को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और इसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) इस मामले में सर्वाधिक चर्चित है। यह संगठन ने दोनों शिकायतकर्ता युवतियों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया था।
पलक्कड़ की हदिया और अथिरा नांबियार का आरोप है कि इस संगठन के कार्यकर्ताओं और महिला शाखा की प्रमुख साइनाबा ने उन्हें धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया था। एनआईए को अपनी जांच में इसी तरह के 23 और मामलों का पता चला है जिसमें इस संगठन का हाथ है।
बता दें कि इनमें से एक मामले में महिला की उम्र 24 साल है और उससे शादी करने वाले मुस्लिम युवक का नाम शफील जहान है। सुप्रीम कोर्ट के दखल से पहले केरल हाईकोर्ट ने ‘लव जिहाद’ का मामला बताते हुए इस शादी को रद्द कर दिया था। इसके बाद युवक ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। युवती इस समय अपने पिता का घर में रह रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से कहा था कि हिंदू महिला के धर्म परिवर्तन और मुस्लिम युवक से शादी के मामले की जांच करें क्योंकि एजेंसी ने दावा किया था कि यह कोई अलग मामला नहीं है बल्कि केरल में यह ‘सिलसिला’ चल पड़ा है। अदालत ने एनआईए को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की निगरानी में घटना की जांच के आदेश दिए थे।