डिजिटल इंडिया अभियान के मद्देनजह देशभर के सभी सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स के एजुकेशन की मॉनिटरिंग अब आधार कार्ड के जरिए होगी। सरकार 5 से 18 साल तक के सभी स्टूडेंट्स के आधार लिंक का रियल टाइम मॉनिटरिंग से पढ़ाई, ड्रॉपआउट रिव्यू करेगी। वहीं, टीचर्स का आधार, ईमेल और मोबाइल से डाटाबेस तैयार होगा, जिसे ई कॉन्टैक्ट पोर्टल से कनेक्ट किया जाएगा।
आधार कार्ड के जरिए होंगे काम
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक, देशभर के सरकारी स्कूलों में कितने छात्र पढ़ते हैं, उनका रिजल्ट कैसा आ रहा है, इसकी राज्यों को भी जानकारी नहीं होती है। शिक्षकों के क्लास लेने की भी निगरानी रखी जाएगी है। केंद्र सरकार स्कूलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग से शिक्ष की गुणवत्ता की भी निगरानी करेगी, ताकि पढ़ाई में कमजोर छात्रों को विशेष कोचिंग दी जा सके।
इसके लिए बाकायदा करीब सवा 23 करोड़ छात्रों को आधार से जोड़ा जा रहा है। जबकि कुल 26 करोड़ से अधिक छात्रों को इस योजना से जोड़ा जाना है। सबसे पहले बच्चों को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं होगा, उन्हें यूनीक नंबर दिया जाएगा। इस योजना में बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों के भी आधार कार्ड जुड़ेंगे। हर महीने बच्चों का रिव्यू होगा, क्योंकि उस बच्चे के आधार पर शिक्षा में बदलाव होगा।सूत्रों के मुताबिक, सरकार ई संपर्क पोर्टल पर शिक्षकों का डाटाबेस भी रखेगी। इसके तहत करीब 55,77, 029 शिक्षकों का डाटा इकट्ठा किया जा चुका है। जबकि 16,10,487 शिक्षकों का आधार, 20,20,687 ईमेल और 37,59,705 शिक्षकों का मोबाइल नंबर इकट्ठा कर लिया है। इनके माध्यम से शिक्षकों का एकेडमिक रिकार्ड का रिव्यू होगा। पढ़ाने में खराब शिक्षकों की बाकायदा ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी।