शुक्रवार को कौशांबी में अतीक अहमद गैंग के शूटर अब्दुल कवि के घर को ढहाया जा रहा है। अब्दुल कवि बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के बाद पिछले 18 सालों से फरार है। आज पीडीए की टीम मंदर मोड़ के पास उसका घर ढहाने पहुंची।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के करीबियों की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। लगातार तीसरे दिन माफिया के करीबी के घर पर बुलडोजर चला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को कौशांबी में अतीक अहमद गैंग के शूटर अब्दुल कवि के घर को ढहाया जा रहा है। अब्दुल कवि, बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के बाद पिछले 18 सालों से फरार है। आज पीडीए की टीम मंदर मोड़ के पास उसका घर ढहाने पहुंची।
राजू पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ समेत नौ लोगों के खिलाफ केस लिखाया गया था। पुलिस ने जांच के बाद 11 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। फिर इसकी विवेचना सीबीसीआइडी को दी गई तो पूरक चार्जशीट में छह और नाम बढ़े। उसमें था कौशांबी में सराय अकिल के भखंदा गांव का रहने वाले अब्दुल कवि का नाम।
18 साल से जांच एजेंसियों के लिए बना पहेली
सीबीआइ और एसटीएफ से लेकर प्रयागराज एसओजी तक ने बार-बार छापा मारा लेकिन अब्दुल कवि हाथ नहीं आया। एक तरफ पुलिस उसे 18 साल में नहीं पकड़ सकी, जबकि दूसरी ओर पता चला है कि वह प्रधानी के चुनाव के दौरान सक्रिय रहा। पिछले दो दशक में यही इकलौता ऐसा अपराधी रहा है जिसे दबोचने में पुलिस सहित तमाम एजेंसियां नाकाम रही हैं। भखंदा के प्रधान बीनू सिंह के पति अवधेश सिंह ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में कहा कि कुछ साल पहले तक अब्दुल कवि दिखता था लेकिन इधर नजर नहीं आया। अब्दुल की पत्नी समेत परिवार गांव में रहता है। इससे ज्यादा उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है।