नांगरहार, अफगानिस्तान में जब से तालिबानियों का कब्जा हुआ है, सामान्य जनजीवन सबसे अधिक प्रभावित है। आए दिन लोगों की व्यक्तिगत जिंदगी में तालिबानी हुकूमत खलल डाल रही है। अब नांगरहार प्रांत के स्रा रोड जिले में शनिवार को आयोजित एक निकाह भी इसका ही एक उदाहरण है जिसे तालिबानियों के कारण खुशी से गम में बदलते देर न लगी।
दरअसल निकाह में गाने बजाना तालिबानियों की नजर में गुनाह हो गया और वे इसे बंद कराने के लिए आ धमके। वहां मौजूद कुछ लोगों से बहस हुई लेकिन हथियार के साथ वहां पहुंचे तालिबानी लड़ाकों ने ताबड़तोड़ फायरिंंग कर दी जिसके कारण 13 लोगों की मौत हो गई। इसपर अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ने ट्वीट कर रोष व्यक्त किया और पाकिस्तान को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई।
सालेह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘तालिबान लड़ाकों ने नांगरहर प्रांत में निकाह के एक कार्यक्रम के दौरान चल रहे संगीत को बंद करने के लिए 13 लोगों की हत्या कर दी। हम सिर्फ इस घटना निंदा करके अपना क्रोध नहीं जा सकते।’ पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, ’25 साल तक पाकिस्तान ने उन्हें अफगान संस्कृति को खत्म करने और हमारी धरती पर कब्जा करके ISI (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) के कट्टर शासन की स्थापना के लिए ट्रेनिंग दी। अब यह अपना काम कर रहा है।’ सालेह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘यह शासन लंबे समय तक नहीं चलेगा। लेकिन दुर्भाग्य से इसके अंत तक अफगानों को लगातार इसकी कीमत चुकानी होगी।’
15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत आने के बाद से ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं। स्पुतनिक के अनुसार मंगलवार को काबुल एयरपोर्ट पर एयर टिकट के लिए कतार में लगे लोगों पर तालिबानी गुट के एक शख्स ने गोली चला दी थी।
तालिबान को सख्त संदेश
भारत और अमेरिका ने तालिबान को सख्त संदेश दिया है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न किया जाए। अमेरिका और भारत के अधिकारियों के बीच आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने को लेकर हुई संयुक्त वार्ता के समापन पर उन्होंने तालिबान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवादी पनाहगाह के रूप में नहीं कर पाएं। भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित अल-कायदा, आईएस, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की।