उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने लिखित बयान के जवाब में दायर जेटली के पूरे उत्तर को अस्वीकार करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी. इस याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह फैसला सुनाया. केजरीवाल ने दावा किया था कि जेटली के प्रत्युत्तर में अतिरिक्त आरोप लगाए गए हैं जो वादपत्र का हिस्सा नहीं हैं और इसलिए मुख्यमंत्री के पास अपने लिखित जवाब में उनका खंडन करने मौका नहीं है.

केजरीवाल के खिलाफ दूसरे दीवानी मानहानि मामले में अरूण जेटली ने उन्हें पहुंची क्षति के रूप में 10 करोड़ रुपए की मांग की है. इस मामले में अदालत के नोटिस पर केजरीवाल ने अपना लिखित जवाब दायर किया था. बाद में, जेटली से केजरीवाल के बयान पर अपना जवाब दायर करने को कहा गया था. इस मामले में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के तत्कालीन वकील राम जेठमलानी ने केजरीवाल एवं पांच अन्य आप नेताओं के खिलाफ दर्ज एक अन्य मानहानि मामले की कार्यवाही के दौरान जेटली के खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियां की थीं.