गुजरात के एक छोटे से गांव में रहने वाली एक महिला ‘अतिथि देवो भव’ के सिद्धांत के साथ चलते हुए घर बैठे ही बैंक बैलेंस को मजबूत कर रही हैं। यह किस्सा है पाटन जिले के बकुटरा गांव की रहने वाली गौरीबेन ब्राह्मण का जिनके घर पर बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है।
गौरीबेन का परिवार जहां साल भर में 2 फसलों की कटाई कर 45 हजार रुपये कमाता है, वहीं उन्होंने सिर्फ दिसंबर के महीने में ही 55 हजार रुपयों की कमाई कर ली। उनकी महीने की औसत कमाई 30 हजार रुपये है। उन्होंने बताया, ‘हम विदेशी सैलानियों की पसंद के हिसाब से खाना मुहैया कराते हैं। वे ज्यादा तेल और मिर्च नहीं सह पाते हैं, ऐसे में मैंने और मेरी बहुओं ने इनका इस्तेमाल कम कर दिया है। विदेशियों को लकड़ी के चूल्हे पर बनी बाजरे की रोटी काफी पसंद आती है।’