आलोक कुमार भगवान राम के लिए अनेक भक्तों ने अपनी छल-छलाती आंखों से विनम्रता पूर्वक धन अर्पण किया. अनेक जगहों पर निधि समर्पण टोली को राम दूत मान कर अगवानी व सेवा हुई. इसमें भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति से लेकर फुटपाथ पर सोने वाले व्यक्तियों ने अपनी पवित्र आय में से समर्पण कर स्वयं को भगवान राम से जोड़ लिया.
अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर के निर्माण के लिए मकर संक्रांति पर प्रारंभ हुए देशव्यापी निधि समर्पण अभियान शनिवार को संपन्न हो गया. विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष और अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट आलोक कुमार ने इस अभियान में सहयोग करने वालों का धन्यवाद किया.
उन्होंने कहा कि लगभग 10 लाख टोलियों में जुटे 40 लाख समर्पित कार्यकर्ताओं के माध्यम ये ये अभियान सफल हुआ. इसके तहत हमने प्रांत, जिला, तहसील व गांवों के घर-घर जाकर समर्पण निधि तो प्राप्त की ही साथ ही राम के प्रति श्रद्धा, विश्वास व समर्पण के भाव ने गदगद भी कर दिया.
अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद हिन्दू समाज के इस उदारता, समरसता व एकात्मता पूर्ण समर्पण के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती है. उन्होंने कहा कि लाखों गांवों व शहरों के करोड़ों हिन्दू परिवारों ने भक्ति पूर्ण भाव से इसमें सह-भागिता की. इस अभियान में कार्यकर्ताओं को अनेकों भावुक क्षणों से गुजरना पड़ा व अनेक व्यक्तियों को अपनी क्षमता से बहुत अधिक समर्पण करते हुए देखा गया.
उन्होंने कहा कि अब यह निश्चित हो गया है कि अयोध्या में जन्मस्थान पर बनने वाला यह भव्य राम मंदिर एक राष्ट्र मंदिर का भी प्रतीक होगा. विश्व के इस सबसे बड़े महाअभियान के आंकडों, अनुभवों व प्रेरक प्रसंगों का संकलन हो रहा है, जिन्हें हम शीघ्र ही देश के समक्ष रखने का प्रयास करेंगे.