कहा जाता है जैसे ही लडकियां अपने ससुराल जाती है उन्हें बड़ो के पैर छूने के लिए कहा जाता है. आप सभी को बता दें, कि हिंदू धर्म में रीति रिवाजों और परंपरा का विशेष महत्व माना जाता है और इन रीति रिवाजों को हमारे ऋषि मुनियों ने बहुत ही शोध कर के बनाया था. ऐसे में हमारे हिंदू धर्म में बुजुर्गो और अपने से बड़ों के पैरों को छूकर व्यक्ति बल, विद्या, बुद्धि और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करता हैं. जी हाँ, कहते हैं वरिष्ठ व्यक्ति अपने से छोटे को अपने अच्छे कर्मों के फल के रूप में ये सभी चीजों का आशीर्वाद के रूप में देते हैं और आज हम बताने जा रहे हैं आपको इसके महत्व के बारे में.
महत्व – जी दरअसल अपने से बड़ों के अभिवादन और चरण स्पर्श की परंपरा रही हैं. इसी के साथ कहते हैं कि अपने से वरिष्ठजनों के चरण स्पर्श करने से स्वयं के अदंर नम्रता, दूसरों के प्रति आदर ओर विनय का भाव आता हैं और इसके साथ ही वरिष्ठ व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी उसके आशीर्वाद के रूप में आपके अदंर प्रवाहित होता हैं.
कहा जाता है स्वयं भगवान कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा के चरण स्पर्श किए बल्कि उसे धोया भी था और सुख और सौभाग्य की कामना लिए हम सभी नवरात्रि पर कन्याओं के भी इसी तरह पैर धोकर पूजते हैं. वहीं अपने माता पिता और बड़े लोगो के पैर छूकर और उनका आशीर्वाद लेना सौभाग्य का काम है इससे दिन के सारे काम अच्छे से संपन्न हो जाते हैं और चरण स्पर्श से सकारात्मक ऊर्जा मिलना प्रारम्भ हो जाती है.