अगर आप घर में कोई शुभ काम या मांगलिक कार्य कराना चाहते हैं तो इस तारीख तक कर लीजिए। उसके बाद करेंगे तो अशुभ होगा, नुकसान भी हो सकता है।
दरअसल, तुला राशि पर 11 अक्तूबर से अस्त गुरु वृहस्पति सात नवंबर को मृगसिरा नक्षत्र में और मिथुन राशि में उदय हो गए हैं। इसके साथ ही सभी मांगलिक कार्यक्रम प्रारंभ हो जाएंगे, ये मांगलिक कार्य 11 दिसंबर तक चलेंगे।
सेक्टर-18 चंडीगढ़ के श्री राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी डॉ. लाल बहादुर दुबे का कहना है कि गुरु को देवताओं का प्रधान ऋषि और देव गुरु माना जाता है। ऐसे में विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रमों में देव गुरु वृहस्पति के पूजन के बिना कुछ भी संभव नहीं।
जब गुरु सूर्य के 11 अंश अथवा उससे कम दूरी में आ जाते हैं तब उन्हें अस्त माना जाता है और मांगलिक कार्यक्रम वर्जित हो जाते है। इस बार 11 नवंबर से 11 दिसंबर तक मांगलिक कार्यक्रम होंगे।
शुक्र 15 दिसंबर से अस्त हो जाएंगे। फिर शुक्र का उदय 1 फरवरी 2018 को होगा। शुक्र अस्त होने पर भी मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे। डॉ. लाल बहादुर दुबे का कहना है कि शुक्र उदय के बाद फिर से मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
जय श्री राम ज्योतिष केंद्र के प्रमुख स्वामी राम बहादुर मिश्र और सेक्टर-30 स्थित शिव शक्ति मंदिर के पुजारी श्याम सुंदर शास्त्री का कहना है कि 22 जनवरी 2018 को बसंत पंचमी के दिन मांगलिक कार्यक्रम किए जा सकते हैं। धर्म सिंधु के अनुसार बसंत पंचमी के दिन पंचांग एवं मुहूर्त का महत्व नहीं रह जाता है।
वर्ष 2017 की विवाह की तिथियां
नवंबर में : 11 12, 13, 14, 19, 23, 24, 25, 28, 29 और 30
दिसंबर में : 1, 3, 4, 9, 10 और 11 दिसंबर को विवाह के मुहूर्त हैं।
नवंबर में : 11 12, 13, 14, 19, 23, 24, 25, 28, 29 और 30
दिसंबर में : 1, 3, 4, 9, 10 और 11 दिसंबर को विवाह के मुहूर्त हैं।