अंधविश्वास में पहले पड़ोसी के बच्चे को किया अगवा, फिर अमावस्या की रात में दे दी बलि

पड़ोसी ने पत्नी के संकट को टालने के लिए अंधविश्वास में पास रहने वाले 8 साल के मासूम को अगवा कर गुरुवार रात 12 बजे के बाद अमावस्या लगने पर उसकी बलि दे दी। इसके बाद शव गांव के बाहर तालाब में गाड़ दिया। सूअर के नोचने पर शव बाहर आया तो गांव में सनसनी फैल गई। हत्यारोपित पड़ोसी दंपती समेत तीन को हिरासत में लिया गया है।

माखी थानाक्षेत्र के परमनी गांव निवासी कन्हैयालाल का 8 वर्षीय पुत्र आदर्श गांव में ही कक्षा दो का छात्र था। बुधवार शाम को दरवाजे के पास खेलते समय अचानक लापता हो गया। हर संभावित जगह पर तलाश के बाद पता न चलने पर पिता ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की थी। शुक्रवार सुबह घर से 200 मीटर की दूरी पर सूबेदार के खेत के पास तालाब में शव को नोच रहे सूअर पर ग्रामीणों की नजर पड़ी तो उन्होंने परिजनों को जानकारी दी। परिजनों के साथ ग्रामीणों ने मृतक के पड़ोसी विश्राम पर शक जताया। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो सच उगल दिया। एएसपी विनोद पांडेय ने मौके पर पहुंच कर जांच की। स्निफर डॉग तालाब से दौड़ता हुआ आरोपित के घर तक गया। गांव में तनाव को देखते हुए फोर्स तैनात कर दिया गया है।

पत्नी से प्रेत बाधा टालने को दी बलि

विश्राम ने बताया कि उसकी पत्नी रानी पर प्रेत का संकट था, जिसने बच्चे की बलि मांगी थी। पत्नी और पारिवारिक छेदी के साथ बच्चे को बुधवार शाम को अगवा किया और अमावस की रात का इंतजार करने लगा। गुरुवार रात 12 बजते ही उसकी बलि दे दी।

गले में कील ठोंकने के साथ सरिया घोपी

हत्यारोपितों ने बच्चे के गले में पतली कील ठोंकने के साथ एक सरिया भी घोपी। एक कान काटने के साथ कुछ बाल, बाल की चोटी काटी और शरीर के कुछ हिस्से को जलाया भी। घर से 200 मीटर दूरी पर शव को दफन कर दिया।

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