उनका दावा है कि इस बार शहर की दोनों ही सीटें भाजपा के पास आएंगी। पहले इनमें से एक जामनगर उत्तर की सीट कांग्रेस के पास थी, लेकिन इस बार उसी कांग्रेसी विधायक ने भाजपा का दामन थाम लिया है और पार्टी ने इस बार उसी धर्मेन्द्र सिंह मेरुभा जाडेजा को टिकट भी दे दिया है। भाजपा की इस लिस्ट में जामनगर ग्रामीण के मौजूदा कांग्रेसी विधायक राघवजी पटेल का भी नाम है जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं।
सरकार तो भाजपा की ही बनेगी
भाजपा के ज़मीनी कार्यकर्ताओं और पुराने नेताओं में इस बात की नाराज़गी झलकती है कि पार्टी दलबदलुओं को टिकट दे रही है और अपने लोगों को नाराज़ कर रही है। हंसमुख भाई मूल रूप से संघ से जुड़े रहे हैं और जामनगर में उन्होंने संगठन और पार्टी के लिए पूरी निष्ठा से काम किया है, लेकिन वो भी मानते हैं कि 2012 से इस बार की परिस्थितियों में काफी फर्क है।
तब मोदी थे और उनका जादू चलता था। वो ये भी मानते हैं कि किसान और व्यापारी वर्ग नाराज़ है। एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर भी है, फिर भी लोगों के पास विकल्प नहीं है, इसलिए सरकार तो भाजपा की ही बनेगी।
राजकोट से जामनगर के रास्ते में परधरी तालुका के डेपरिया गांव में मगन भाई जाधव किसान हैं, कपास की खेती करते हैं, लेकिन जिस खेत में काम करते हैं वो भाजपा नेता बावनजी बापू का है। मगन भाई मोदी भक्त हैं और कहते हैं कि सरकार तो भाजपा की ही बनेगी। पाटीदार कांग्रेस के पास जाएंगे तो भी भाजपा को फर्क नहीं पड़ेगा।
सब चुनावी खेल है
कपास और मूंगफली की खेती करने वाले गरड़ा और लैयारा के किसान इस बात से बेहद खफा हैं कि उनकी फसल खेतों में बेकार पड़ी है, दाम नहीं मिलता, सरकार खरीदती नहीं। नोटबंदी को लेकर भी बेहद नाराज़गी दिखती है और वो खुलकर कहते हैं इस बार किसी भी हालत में भाजपा को नहीं आने देंगे।
पाटीदारों का नाम लेते ही वो भी हार्दिक की बात करते हैं और सीडी के सवाल पर कहते हैं कि जवान लड़का है, क्या गलत कर दिया, बड़े-बड़े नेता भी यही करते हैं, सब चुनावी खेल है।