जागरण संवाददाता, कानपुर: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर पिछले कई महीनों से अभियान चला रहे हैं। उन्होंने सुलह समझौते के लिए संतों और मौलानाओं से मिलकर बातचीत की है पर उनका यह प्रयास कितना सफल होगा, भारत भ्रष्टाचार मुक्त कब तक होगा इन मुद्दों पर तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य एवं पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य से दैनिक जागरण संवाददाता ने बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश।
श्रीराम मंदिर निर्माण में श्रीश्री रविशंकर की पहल कितनी कारगर होगी।
– श्रीश्री रविशंकर को मंदिर मुद्दे पर बोलने का कोई हक नहीं है। वे इस आंदोलन का हिस्सा कभी नहीं रहे। उन्हें राजनीति करनी है तो दक्षिण में जाकर करें।
श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनेगा या कोर्ट के फैसले का इंतजार होगा।
– अगस्त से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया दिखेगी। अगर कोर्ट से फैसला आता है तो ठीक अन्यथा संसद में कानून बनाकर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। 2018 में ही मंदिर का निर्माण शुरू होगा।
श्रीराम मंदिर आंदोलन के शोर में काशी और मथुरा का मुद्दा पीछे छूट गया है। ऐसा क्यों ?
– चरणबद्ध ढंग से काम होगा। पहले श्रीराम मंदिर बनेगा इसके बाद काशी और मथुरा में विवाद को सुलझाएंगे। ये दोनों मुद्दे पीछे नहीं छूटे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संतों की अपेक्षाओं पर कितना खरे उतरे ?
– मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अब तक 50 फीसद खरे उतरे हैं। वे सौ प्रतिशत खरे उतरेंगे इसमें कोई संदेह नहीं है।
स्वच्छता अभियान सफल हुआ या नहीं
– स्वच्छता अभियान पूर्ण रूप से सफल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो अभियान चलाया है उसे जन जन का समर्थन है। मैंने खुद चित्रकूट में पांच गांव ले रखा है। इस देश में लाखों शौचालय बने हैं और आगे भी बनेंगे।
भ्रष्टाचार खत्म होना संभव है या नहीं
– भ्रष्टाचार निश्चित रूप से खत्म होगा। पीएनबी घोटाला जो सामने आया है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के पहले का घोटाला है। इस देश में कुछ भी असंभव नहीं है। त्रिपुरा में पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बन सकती है तो फिर भ्रष्टाचार क्यों खत्म नहीं हो सकता। अभी कार्ति चिदंबरम जेल गए हैं। अब और भी भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे।