कोरोना की वजह से देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद लाखों मजदूर अपने गांव-घर वापस चले गए थे. लेकिन अब जब अनलॉक-1 आ गया है, इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा खुल गया है. हाल यह है कि कंपनियां चार्टर्ड फ्लाइट से मजदूरों को वापस कारखानों में ले जा रही हैं.
खासकर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिकों की भारी कमी से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में उनके लिए मजदूरों को किसी भी तरह से वापस लाना जरूरी है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘पिछले एक महीने में मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल गुड्स, रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर की कंपनियां 700 से ज्यादा घरेलू उड़ानों के द्वारा कामगारों को उनके घर से वापस कार्यस्थल पर लेकर आईं.’
सार्वजनिक कंपनी ओएनजीसी लिमिटेड और दिग्गज इन्फ्रा कंपनी लार्सन ऐंड टूब्रो ने पटना और भुवनेश्वर से मुंबई और अहमदाबाद के लिए चार्टर्ड फ्लाइट संचालित कर कामगारों को वापस बुलाए.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘कुछ कंपनियों और एयरलाइंस के एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि चेन्नई और राजमुंदरी जैसे इंडस्ट्रियल हब तक भी कर्मचारियों को पहुंचाने के लिए कई चार्टर्ड फ्लाइट गए हैं.’
असल में लॉकडाउन में बड़े पैमाने पर मजदूरों की घर वापसी को लेकर इंडस्ट्री के लोग काफी परेशान थे. सैलरी न मिलने या नौकरी चले जाने से परेशान कितने मजदूर इस कदर परेशान हुए कि वे पैदल ही पांच सौ-हजार किलोमीटर तक अपने घर को निकल पड़े.
इसलिए खासकर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को यह डर हो गया कि आगे चलकर उन्हें कुशल और अकुशल मजदूरों की भारी तंगी से गुजरना पड़ सकता है.
स्पाइसजेट के एक अधिकारी ने अखबार को बताया, ‘हमने कंपनियों की तरफ से कई चार्टर्ड फ्लाइट संचालित किए हैं, जिनसे उनके कर्मचारियों को देश के भीतर और देश के बाहर भी विभिन्न कार्यस्थलों तक पहुंचाया गया है. एक बड़ी कंपनी तो लगातार हमारी एयरक्राफ्ट बुक कर अपने कर्मचारियों को पहुंचा रही है.’
एयर इंडिया के एक अधिकारी के मुताबिक सरकारी कंपनी ओएनजीसी ने चार्टर्ड विमानों से करीब 5,000 कर्मचारियों को अपने विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाया है. इनमें बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कर्मचारी शामिल हैं.