लखनऊ। प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने के लिए देश की बड़ी कंपनियों की उत्सुकता देख ऊर्जा विभाग भी उत्साहित है। पिछले दिनों एक हजार मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने के लिए आयोजित ई-बिडिंग में 40 से अधिक कंपनियों के शामिल होने को अधिकारियों ने भविष्य का शुभ संकेत माना है। अगले महीने प्रदेश में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के लिए भी सौर ऊर्जा कंपनियों ने पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
सौर ऊर्जा नीति-2017 के तहत प्रदेश में वर्ष 2022 तक लगभग 10,700 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें 6400 मेगावाट क्षमता के यूटीलिटी स्केल ग्रिड संयोजित सौर पावर परियोजनाएं लगाई जानी हैैं। सौर ऊर्जा नीति के तहत पहले चरण में एक हजार मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा खरीद के लिए बीती आठ जनवरी को टैरिफ आधारित ई-बिड आमंत्रित की गई थीं। इसी क्रम में 22 जनवरी को नोडल एजेंसी यूपीनेडा ने प्री-बिड मीटिंग बुलायी थी, जिसमें 40 से अधिक इच्छुक बिडिंग कंपनियों ने हिस्सा लिया।
प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने गुरुवार को बताया कि अडानी पावर, एस्सल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, एक्मे सॉल्यूशंस, रेन्यू पावर, सुखबीर एग्रो व एज्योर पावर सहित अन्य कंपनियों के साथ हुई प्री-बिड मीटिंग में बिड डाक्यूमेंट व मॉडल पीपीए पर विमर्श किया गया। कंपनियों को बताया गया कि बिड संबंधी सभी जानकारी यूपीनेडा की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। प्रमुख सचिव ने बताया कि 21 से 23 फरवरी तक होने वाले इन्वेस्टर्स समिट के जरिये सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रहीं अच्योर पावर, एस्सल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, सुखबीर एग्रो, अडानी पावर, एंपल्स सॉल्यूशंस व क्लीन मैक्स ने द्वारा प्रदेश में पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव दिया है, जिस पर अनुबंध की कार्यवाही की जा रही है।