थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को राज्यपाल एनएन वोहरा से मिलकर उन्हें कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुहंतोड़ जवाब देने की रणनीति से अवगत कराया। साथ ही अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित एवं शांत माहौल में संपन्न कराने की तैयारियों से रूबरू कराया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने थल सेनाध्यक्ष की राज्यपाल से शाम को हुई बैठक की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों ने वादी के भीतरी इलाकों में आतंकरोधी अभियानों के दौरान उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने की रणनीति से लेकर जम्मू-कश्मीर की पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के ताजा हालात पर विचार-विमर्श किया। 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों से जनरल रावत ने राज्यपाल को अवगत कराया।
एक घंटे तक चली बैठक में दोनों ने राज्य के युवाओं के भविष्य को संवारने और उन्हें राष्ट्रविरोधी तत्वों से दूर रखने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की। कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि जनरल बिपिन रावत सुबह ही वादी के मौजूदा आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिश्य का जायजा लेने श्रीनगर पहुंचे। राज्यपाल से मुलाकात से पहले उन्होंने श्रीनगर में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लिया। उन्होंने रमजान संघर्षविराम के समाप्त होने के बाद आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की रणनीति पर संबंधित कमांडरों के साथ विचार विमर्श करते हुए पुलिस व संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के साथ पूरा समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने सैन्य अधिकारियों को अपने कार्याधिकार क्षेत्र में जनता के साथ पूरा संवाद और समन्वय रखने को कहा।
थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत जिला बारामुला और कुपवाड़ा में एलओसी पर स्थित कुछ अग्रिम चौकियों पर गए। उन्होंने वहां संघर्षविराम के उल्लंघन से निपटने व अन्य ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लेते हुए मौके पर तैनात जवानों व अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने आतंकियों और घुसपैठियों के खिलाफ सफलतापूर्वक अभियान चलाने और एलओसी पर दुश्मन द्वारा संघर्षविराम का उललंघन करने पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जवानों को बधाई दी।
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