एजेंसी/ संभोगक्रिया करते समय वातावरण का भी खासतौर पर ध्यान देना पड़ता है. संभोगक्रिया में पूरी तरह आनंद और संतुष्टि तब तक नहीं मिल पाती जब तक इस क्रिया को बिना किसी डर के और निश्चिंत होकर न किया जाए. शादी के बाद सोने के लिए पति और पत्नी के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था कर दी जाती है फिर भी कई बार इस व्यवस्था में अचानक किसी तरह की रुकावट आ जाती है तो ऐसे में उन्हें सेक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए.
कई बार पति-पत्नी अपने कमरे में आकर संभोगक्रिया करने लगते हैं तभी उन्हें अगर कोई आवाज दे देता है तो उस समय उनकी सेक्स संबंधों के दौरान बनी मानसिकता को तेज आघात पहुंचता है और यही जल्दी वीर्यपात का कारण बनता है. अगर पति और पत्नी अपने कमरे में आते हैं तो उन्हें तुरंत ही संभोगक्रिया में नहीं लग जाना चाहिए.
कमरे में आते ही सबसे पहले आपस में किसी भी टाँपिक को लेकर बातें आदि करने लग जाएं. जैसे ही लगे कि अब घर में सब लोग सो गए हैं तब संभोगक्रिया करने के लिए तैयार हो जाए. कमरे में हरे रंग या आसमानी रंग का बल्ब जलाकर संभोगक्रिया करने से आनंद मिलता है.