एजेंसी/ नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। जहां उन्होंने पहले श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर बयान दिया था वहीं अब उन्होंने धारा 370 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और बहस को निमंत्रण दिया। दरअसल वे एक टेलिविजन चैनल द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य देने वाली संविधान की धारा को समाप्त कर देगी। यही नहीं उन्होंने श्री राम मंदिर को लेकर भी बयान दिया।
एजेंसी/ सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा हिंदी टीवी चैनल के कार्यक्रम में की गई चर्चा में ओवैसी शामिल थे। सुब्रह्मण्य स्वामी द्वारा कहा गया कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहां पर मुस्लिम सबसे अधिक सुरक्षित हैं। उनका कहना था कि कश्मीर पंडितों को घाटी में वापस बसाने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है मगर इसके लिए क्या किया जा सकता है। इस मामले में उन्होंने घाटी में सुरक्षा बहाली और कश्मीरी पंडितों को भरोसा दिलाने की बात पर जोर दिया।
हालांकि एमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने समान आचार संहिता पर चर्चा होने के दौरान कहा कि इस देश में लोग अलग भाषा, अलग संस्कृति और अलग – अलग धर्मों को मानते हैं। ऐसे में समान आचार संहिता संभव नहीं है। यही नहीं ओवैसी ने मालेगांव ब्लास्ट को लेकर भी सवाल उठाए।
उनका कहना था कि एक महिला को इसलिए मुंबई बम धमाकों में सजा दी गई क्योंकि उसके वाहन का उपयोग हथियारों के परिवहन में किया गया मगर मालेगांव धमाके को लेकर जब साध्वी प्रज्ञा की मोटरसाइकिल का उपयोग होने की बात आई तो एनआईए ने उन्हें क्लीन चिट ही दे दी। समान आचार संहिता पर सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि मुस्लिम भारतीय दंड संहिता पर विरोध नहीं रखते हैं ऐसे में उन्हें समान आचार संहिता से क्या परेशानी हो सकती है।
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