सरकार डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकोनॉमी की तरफ कदम बढ़ा रही है, लेकिन साइबर सुरक्षा को लेकर चुनौतियां भी हैं।
हाल ही में राहुल गांधी और कांग्रेस का ट्विटर अकाउंट हैक होने से साइबर सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों में देखें, देश में साइबर क्राइम के मामले 5 साल में तीन गुना से ज्यादा बढ़े हैं। इस दौरान 32 हजार से ज्यादा साइबर अपराध दर्ज किए गए और 20 हजार से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया गया। जबकि 3 साल में 96 हजार से ज्यादा वेबसाइट्स हैक की गई।
केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले साल करीब 72% कंपनियों पर साइबर हमले हुए और 63% कंपनियों को इससे आर्थिक नुकसान भी हुआ।
60% कंपनियों पर मंडराया खतरा
मशहूर रिसर्च फर्म गार्टनर की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक ऑनलाइन कारोबार करने वाली 60% कंपनियों पर साइबर अटैक का खतरा मंडराएगा। क्योंकि कारोबार की ज्यादातर चीजें डिजिटल हो जाएंगी, ऐसे में आईटी सिक्योरिटी फर्म्स पर उन्हें सुरक्षित रखने का बेहद दबाव होगा।
देश में इन कानूनों के तहत दर्ज किए जाते हैं साइबर क्राइम
साइबर क्राइम के मामलों में सूचना तकनीक कानून 2000 और सूचना तकनीक (संशोधन) कानून 2008 लागू होते हैं।
कुछ मामलों में इंडियन पैनल कोड ( आईपीसी), कॉपीराइट एक्ट 1957, कंपनी लॉ, सरकारी गोपनीयता कानून और यहां तक कि आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी कार्रवाई हो सकती है। दोषी को जुर्माने से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। सरकार शॉपिंग पोर्टल्स की ऑनलाइन धोखाधड़ी के आंकड़े अलग से नहीं रखती।
- साल दर्ज मामले अरेस्ट
- 2011 2,213 1,630
- 2012 3,477 3,477
- 2013 4,693 2,301
- 2014 9,473 5,470
- 2015 11,467 7969
- कुल 32323 20441