बीजेपी सरकार और खासकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गायों के प्रति प्रेम जगजाहिर है और अब जल्द ही यूपी में गायों की देखभाल को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय पशुचिकित्सा यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। यह यूनिवर्सिटी पूरी तरह से पशुओं-मवेशियों की देखभाल और खासकर गायों पर केंद्रित होगी। यूनिवर्सिटी के लिए यूपी सरकार ने केंद्र के पास प्रस्ताव भेज दिया है। मथुरा से विधायक व यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा तैयार विस्तृत नोट के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला लिया है।
अपने नोट में सरकार ने कहा कि पशुपालन हमेशा से अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण भाग होने के साथ-साथ लोगों में आध्यात्मिक विश्वास की वजह है। ब्रज क्षेत्र में गायों को पावन माना गया है और उनकी पूजा होती है। यही नहीं मानवजाति के विकास के समय से ही पशुपालन जीवन का अहम हिस्सा रहा है। राज्य सरकार ने नोट के माध्यम से कहा कि इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन की खोज मथुरा में की गई है जहां 2001 से स्थापित राज्य स्तरीय दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय मौजूद है।
पशुचिकित्सा यूनिवर्सिटी के वीसी कृष्ण मुरारी पाठक ने बताया, ‘हमारे पास 2250 एकड़ की जमीन उपलब्ध है। इसमें से 1450 एकड़ जमीन खेतीबारी के लिए और बची हुई जगह फैकल्टी के लिए है। इस जमीन पर नया कैंपस बनाया जा सकता है। प्रस्ताव के अनुसार इंटरनैशनल पशुचिकित्सा यूनिवर्सिटी को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा बनाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी की लागत 510 करोड़ रुपए तक होगी। इसके लिए जो यूनिवर्सिटी पहले से है या तो उसे ही अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी में बदला जाएगा या फिर नया कैंपस बनने की संभावना भी है।
नोट के जरिए योगी ने कांग्रेस सरकार पर प्रहार भी किया कि आजादी के बाद से कभी भी जानवरों की देखभाल के लिए केंद्र स्तर पर यूनिवर्सिटी खोलने की कोशिश नहीं की गई। इस नोट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर में हुई मौतों का हवाला दिया और कहा कि जिस तरह सरकार मवेशियों का ध्यान दे रही है उसी तरह बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता देना चाहिए।
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