एक ओर जहां तरह-तरह के फतवे जारी कर लड़कियों को हिदायतें दी जाती हैं, वहीं सहारनपुर से एक अच्छी खबर आई है. यहाँ के उलेमा ने शराब के विरुद्ध अभियान छेड़ते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने ऐलान किया हैं कि कोई भी इमाम अब शराबियों की नमाज़-ए-जनाज़ा नहीं पढ़ाएगा. साथ ही उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे भी शराबियों के जनाजें में न जाए.
शहर काजी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी की पहली बैठक हुई. इस बैठक में सभी सदस्यों की मंजूरी से यह फैसला लिया गया है. उलेमा ने कहा कि, “कोई भी इमाम किसी शराबी के जनाजे की नमाज नहीं पढ़ाएगा. ये नियम सहरानपुर सहित आस-पास के दस जिलों के लिए मान्य होगा.” इसी के साथ आपसी परामर्श से बैठक में निर्णय लिया गया कि कमेटी के सदस्य जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों के बीच जाएंगे और शराब के विरुद्ध अभियान का आग़ाज़ करेंगे.
उलेमा ने बताया कि इन सबके साथ ही मस्जिद के इमामों को भी यह चेतावनी भी दी जाएगी कि वह किसी शराबी की नमाज-ए-जनाज़ा नहीं पढ़ेंगे. मौलाना जहीर फातमी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, “नमाज-ए-जनाज़ा नहीं पढ़ने का फैसला ऐतिहासिक है और इससे मुस्लिमों में शराबखोरी के खिलाफ बड़ा संदेश जाएगा.”
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