केंद्र सरकार शत्रु संपत्तियों को जल्द ही निपटाने की तैयारी में है। बंटवारे के बाद पाकिस्तान जा बसे लोगों से जुड़ी और कानूनी विवादों से मुक्त संपत्तियों को गृह मंत्री राजनाथ सिंह मंजूरी दे रहे हैं। उनकी अध्यक्षता में सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। गृह मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह ने शत्रु संपत्ति कानून 2017 के नए प्रावधानों की अहमियत पर विचार करने का निर्देश दिया।
पहले के कानून में इसी साल संशोधन कर इसमें शत्रु संपत्ति के हस्तांतरण और निपटारे को शामिल किया गया है। नए नियमों को जल्द अधिसूचित किया जा सकता है। इसके लिए संरक्षक कार्यालय को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। मंत्रालय जल्द निपटारे और मुद्रीकरण के लिए जल्द ऐसी संपत्तियों की पहचान करेगा। बैठक में यह भी जानकारी दी कि 6289 संपत्तियों का सर्वे पूरा हो चुका है और 2991 संपत्तियों का सर्वे किया जाना बाकी है।
भारत पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध के बाद शत्रु संपत्ति कानून को 1968 में लागू किया गया था। इसके तहत सरकार को अधिकार दिए गए थे कि वे अपने भारतीय नागरिकों की संपत्तियां जब्त कर सकती है जो युद्ध के दौरान चीन या पाकिस्तान में जाकर बस गए। भारत ने इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति का नाम दिया था। संशोधित कानून में दुश्मन की परिभाषा का विस्तार किया गया है और इसमें शत्रु करार दिए गए व्यक्ति के कानूनी वारिसों को भी शामिल कर लिया गया है चाहे वारिस भारत का नागरिक हो या किसी ऐसे देश को जिसे भारत दुश्मन नहीं समझता।