लंदन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि चीनी के सेवन से मूड पर आमतौर पर कोई नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। वैज्ञानिकों का दावा ‘शुगर रश’ की धारणा को गलत साबित करता है। इसके तहत माना जाता है कि मीठा खाने से लोगों को खुशी महसूस होती है।
मूड सुधारने की कोशिश : गौरतलब है कि ‘शुगर रश’ की धारणा पूरी दुनिया को प्रभावित किए हुए है। इस धारणा पर चलते हुए लोग मूड सुधारने के लिए मीठे का सेवन करते हैं। बर्लिन के हम्बोल्ट विश्वविद्यालय के कोनस्टेंटिनो मंटेंटिजस ने कहा, हमारे निष्कर्ष बहुत स्पष्ट रूप से इंगित करते हैं कि इस तरह के दावों की पुष्टि नहीं की जाती है। हालांकि यह जरूर है कि जरूरत से ज्यादा चीनी आपके मूड को बिगाड़ जरूर सकती है।
शोधकर्ताओं ने 31 प्रकाशित अध्ययनों से एकत्र किए गए आंकड़ों का उपयोग करते हुए, लोगों में क्रोध, सतर्कता, अवसाद और थकान सहित मूड के विभिन्न पहलुओं पर चीनी के प्रभाव की जांच की। यह आंकड़े करीब 1300 लोगों पर किए गए अध्ययन पर आधारित थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि चीनी के सेवन से मूड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, फिर चाहे चीनी कितनी भी ली जाए ।
चीनी से होती है थकान : वारविक विश्वविद्यालय के एलिजाबेथ मेयर ने कहा कि वास्तव में हमें अध्ययन में ऐसे तथ्य मिले जो बताते हैं कि चीनी मूड को बिगाड़ जरूर सकती है।
अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने चीनी का अत्याधिक सेवन किया था उनमें आलस्य, थकान, कम सक्रियता और अवसाद के लक्षण उजागर थे।जबकि वह प्रतिभागी जो बहुत ज्यादा मीठा प्रेमी नहीं थे उनमें ऐसे लक्षण नहीं पाए गए। मेयर ने कहा, हमें उम्मीद है कि हमारे निष्कर्ष से ‘शुगर रश’ के मिथक को दूर करने में मदद मिलेगी।
वहीं, लोगों में चीनी की खपत को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने का फायदा होगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal