गोहद से कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह ने कोर्ट में मंत्री लाल सिंह आर्य की जमानत पर आपत्ति दर्ज की। गवाह का आरोप है मंत्री के मामले में गवाही नहीं देने के लिए उन पर लगातार दबाव डाल रहे हैं। यही नहीं केस से हट जाने पर उन्हें 50 लाख रुपये देने की पेशकश की गई है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि माखनलाल जाटव की हत्या अप्रैल 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान हुई थी। स्वर्गीय विधायक माखनलाल जाटव के बेटे रणवीर सिंह जाटव ने विशेष अदालत में आवेदन दिया था कि उनके पिता की हत्या के मामले में मंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाया जाए, क्योंकि मंत्री ने अपने चार लोगों के साथ छिरैंटा में मौजूद रहकर 13 अप्रैल 2009 की रात आठ बजे उनके पिता की हत्या करवाई थी।
विशेष अदालत ने 19 मई 2017 को आर्य को आरोपी बनाया। लेकिन आर्य ने गिरफ्तारी वारंट जारी होने से पहले 15 दिन की मोहलत मांग ली। विशेष कोर्ट ने तब इस स्टे दे दिया था।
आर्य को हाईकोर्ट से राहत मिली
आरोपी मंत्री आर्य ने विशेष कोर्ट के फैसले के खिलाफ ग्वालियर हाईकोर्ट में आवेदन किया। 29 मई 2017 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि विशेष न्यायाधीश पहले आर्य की बात सुनें और उसके बाद आदेश जारी करें।
सुप्रीम कोर्ट जाने से मुश्किल बढ़ी
आर्य विशेष कोर्ट में पेश नहीं हुए और हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए। 24 जुलाई 2017 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आर्य की विशेष अनुमति याचिका और ग्वालियर हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया।