वापसी करेंगी क्या उमा एमपी की सियासत में …

मध्यप्रदेश में उमा भारती की बढ़ती सक्रियता कई तरह के कयासों को जन्म दे रही है। उमा ने केंद्र की राजनीति से दूरी बना रखी है। उमा भारती पिछले कुछ सालों में इतनी सक्रिय कभी नजर नहीं आईं, जितनी इस बार दिख रही हैं। पिछले तीन दिनों से वह भोपाल में हैं, उनकी नेताओं से मेल मुलाकात तो हो ही रही है, वह पार्टी के उन नेताओं के साथ खड़ी होती दिख रही हैं, जो किसी न किसी तौर पर कठिनाई में है। बिते दिनों विधानसभा में बीजेपी के दो विधायकों द्वारा कांग्रेस का साथ दिए जाने और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा कमलनाथ सरकार को एक दिन न चलने देने का दावा किए जाने पर पार्टी हाईकमान नाराज हो गया था।

इतना ही नहीं, भार्गव के पद पर खतरा भी मंडराने लगा था। दूसरी ओर, ई-टेंडरिंग मामले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर आंच आने का खतरा है। इन दोनों नेताओं का उमा भारती ने साथ देने का मन बनाया है। इन दोनों नेताओं की पूर्व सीएम शिवराज चौहान से दूरी भी है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि उमा भारती खुले तौर पर सामने न आकर राज्य में भार्गव और मिश्रा के पीछे खड़े होकर अपनी राजनीति को आगे बढ़ाना चाह रही हैं। यह दिखने भी आने लगा है।

वह भार्गव के साथ पूर्व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और वर्तमान राज्यपाल लालजी टंडन से मिलीं। इसके साथ ही उन्होंने ई-टेंडरिंग मामले में मिश्रा की छवि को खराब करने के प्रयास का आरोप लगाया। उमा भारती की अगुवाई में भाजपा ने वर्ष 2003 में राज्य की सत्ता हासिल की थी, लेकिन बाद में उन्होंने तिरंगा प्रकरण पर पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद से वह राज्य के सियासत से किनारे होती गईं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com