दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार के लालकिला के रखरखाव का कार्य निजी संस्था को देने के निर्णय के खिलाफ शुक्रवार लालकिला के सामने प्रदर्शन किया।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने केंद्र सरकार पर चौतरफा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपने प्रचार पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है, लेकिन लालकिला के रखरखाव पर वह प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सकती।
इस कारण कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रतीकात्मक तौर पर पांच-पांच रुपये एकत्रित करके दान पेटी में डालकर लाल किला के रखरखाव के लिए प्रधानमंत्री को भेजेेंगे।
इस मौके पर अजय माकन ने कहा कि लाल किला को बेचने नहीं देंगे। कांग्रेसी जरुरत पड़ने पर प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपया एकत्रित करके केन्द्र सरकार को देंगे।
क्योंकि लालकिला न सिर्फ देश की एक सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि लालकिला एक प्रतीकात्मक चिन्ह भी है जिसे देश में प्रचलित करेंसी पर भी एक ऐतिहासिक तौर पर छापा गया है।
अजय माकन ने कहा कि यह वहीं लाल किला है जहां से अंग्रेजों के खिलाफ 1857 में बहादुरशाह जफर, रानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे सभी ने आजादी लड़ाई की शुरुआत की थी।
अजय माकन ने कहा कि लाल किला ही प्रतीकात्मक चिन्ह था जिसके ऊपर झंडा फहराने के लिए उस पर कब्जा करने के लिए देशवासियों ने अपनी कुर्बानी दी थी।
20 सितंबर 1857 को जब अंग्रेजों ने लालकिला पर कब्जा किया था तो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लगातार 90 साल लड़ाई लड़कर देश को आजाद कराया और ऐतिहासिक लाल किला पर भारत का झंडा फहराया।
अजय माकन ने कहा कि यह वही लाल किला है जहां पर क्रांतिकारियों के खिलाफ अदालत लगती थी और क्रांतिकारियों को देश विद्रोही करार देकर आदेश सुनाए जाते थे।
प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस के नेता हारुन यूसूफ, शर्मिष्ठा मुखर्जी, प्रहलाद सिंह साहनी, कुंवर करण सिंह, मोहम्मद उस्मान, आले मोहम्मद, प्रेरणा सिंह, अशोक जैन आदि भी शामिल हुए।