मुरादाबाद। मुरादाबाद रेलवे के इंजीनियर लगातार तकनीक का कमाल दिखा रहे हैं। अंग्रेजों के जमाने में बने पुल को तोड़कर नए पुल बना रहे हैं। मुरादाबाद रेल मंडल में सबसे पहले तीन जनवरी को नजीबाबाद के पास बुंदकी स्टेशन से थोड़ा आगे सात घंटे में पुराना पुल तोड़कर नए बनाया और ट्रेन दौड़ा दी थी। इसके शाहजहांपुर और बालामऊ के बीच टोडरपुर स्टेशन के पास नौ जनवरी को साढ़े पांच घंटे में नया पुल बनाया।
अब रुड़की और इकबालपुर के बीच लकड़ी के स्लीपर वाले पुल को कंक्रीट का बनाया। सोमवार को टीम ने 150 साल पुराने पुल को तोड़कर दस घंटे में तैयार कर दिया। रेलवे की इंजीनियङ्क्षरग विभाग की टीम ने इस काम के लिए पहाड़ी क्षेत्र में सुरंग बनाने और बड़ी-बड़ी चïट्टानों को तोड़कर हटाने वाली क्रेन व मशीन मंगाई। रेलवे अधिकारियों को पता था कि 6.1 मीटर लंबे और तीन मीटर ऊंचे सुरखी चूना वाले पुल को तोडऩा आसान नहीं है। टीम ने सोमवार सुबह 11.50 बजे बजे काम शुरू किया। चूने से बने पुल ने चुनौती खड़ी की। टीम ने कंक्रीट ब्लॉक से 10.10 घंटे में नया पुल बना दिया।
साथ ही रात 10.20 बजे इंदौर-देहरादून एक्सप्रेस को सफलता पूर्वक चला दिया। इसके बाद सहारनपुर से मुरादाबाद की ओर ट्रेनों का संचालन शुरू हो पाया। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि लखनऊ से सहारनपुर मुख्य रेल लाइन में लकड़ी के स्लीपर का एक मात्र पुल था। उसे भी हटा दिया गया है। नये पुल से ट्रेनों का गुजरना शुरू कर दिया गया है।
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