नई दिल्लीः तीन दिनों की भारत यात्रा पर शुक्रवार को हैदराबाद पहुंचे ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी का शनिवार को राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया गया. इस मौके पर रूहानी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंग और पीएम नरेंद्र मोदी मुलाकात की. उन्हें राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर भी पेश किया गया.
इसके बाद हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की बातचीत हुई. रूहानी ने तेल एवं प्राकृतिक गैस के अपने विशाल संसाधनों को भारत के साथ साझा करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की इच्छा जताई है. शुक्रवार शाम में दिल्ली पहुंचने के बाद शनिवार को रूहानी ने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर फूल अर्पित किए.
तीन दिन की भारत यात्रा पर शुक्रवार को हैदराबाद पहुंचे ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि वर्तमान सदी एशिया की है जहां नई दिल्ली और तेहरान के पास निभाने के लिए एक बड़ी भूमिका है. उन्होंने हैदराबाद में जुमे की नमाज अदा करने के बाद मक्का मस्जिद में एक सभा में कहा कि खाड़ी देश में चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बिना) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों तथा यूरोप तक ट्रांजिट मार्ग खोलेगा.
तेल एवं गैस साझा करना चाहता है ईरान
करार के तहत दक्षिण-पूर्वी ईरान में चाबहार बंदरगाह को तैयार करने के लिए भारत को 8.5 करोड़ डालर का निवेश करना है. उन्होंने कहा, ‘‘ईरान के पास प्रचुर मात्रा में तेल एवं गैस संसाधन हैं और वह इन्हें भारत की प्रगति तथा इसके लोगों की समृद्धि के लिए उसके साथ साझा करने की इच्छा रखता है.’’ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान को उम्मीद है कि बदले में भारत भी लोगों से लोगों के बीच संपर्क मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देगा. इससे पहले रूहानी ने यहां ऐतिहासिक कुतुब शाही मकबरा परिसर भी देखा. ईरानी शैली में बने ये स्मारक सात मकबरों के नाम से जाने जाते हैं.
रूहानी ने गुरुवार चार बजे हैदराबाद के बेगमपेट हवाईअड्डे पर पहुंचने के साथ ही अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा की शुरूआत की थी. यह दूसरी बार है जब हसन रूहानी हैदराबाद की यात्रा पर आये हैं. हालांकि ईरान के राष्ट्रपति का प्रभार संभालने के बाद यह उनकी (शहर की) पहली यात्रा होगी.
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