जदयू के केरल से राज्यसभा सांसद और केरल इकाई के अध्यक्ष एम.पी. वीरेंद्र कुमार ने बुधवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान किया। कुमार ने कहा कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी के सांसद बने रहना नहीं चाहते।
मलयाली अखबार ‘मातृभूमि’ के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वीरेंद्र कुमार पीटीआई में भी निदेशक हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने राज्यसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं संघ परिवार में शामिल हो गए नीतीश कुमार की पार्टी से राज्यसभा सदस्य बने रहना नहीं चाहता।’ वीरेंद्र कुमार मार्च 2016 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मैं नीतीश कुमार को पहले ही अपने फैसले की जानकारी दे चुका हूं।’
यह पूछे जाने पर कि वह इस्तीफा कब देंगे, वीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘मैं आपको (मीडिया को) बता दूंगा।’ उन्होंने अपनी योजनाओं को लेकर कहा, ‘पहले हम प्रदेश समिति में पार्टी के भविष्य पर चर्चा करेंगे और आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे।’
कुमार ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा ना देने को कहा और यह भी कहा कि वह उन्हें देश के सबसे बड़े समाजवादी नेताओं में से एक मानते हैं। वीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘लेकिन मैंने नीतीश कुमार और पार्टी को अपने फैसले की जानकारी दे दी।’ जदयू इस समय केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी यूडीएफ में सहयोगी है।
बिहार में बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले के बाद से ही जदयू में बगावत के सुर उभरने लगे थे। वीरेंद्र कुमार ने तब कहा था कि वे नीतीश कुमार के फैसले से खुश नहीं हैं और एनडीए को समर्थन नहीं देंगे।