जल्ली-कट्टू पर बैन को लेकर बहस जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल तक पहुंच गया। फेस्टिवल के पहले दिन से लेकर तीसरे दिन भी इसकी चर्चा खूब रही।
शनिवार को रजनीकांत की बेटी ऐश्वर्या रजनीकांत धनुष ने भी इस प्रथा का समर्थन करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मैं तमिल हूं और ये हमारी परंपरा है। इसे बैन नहीं होना चाहिए। मैं इसके समर्थन में युवाओं के साथ खड़ी हूं। ऐश्वर्या ने बताया कि धनुष को उन्होंने नहीं बल्कि उनके माता-पिता ने चुना था। इसके पीछे वजह ये है कि धनुष का परिवार और रजनी के परिवार का रहन-सहन, सोच सबकुछ एक जैसा है। ऐश्वर्या को तो सोचने का भी मौका नहीं मिला और सगाई के दूसरे दिन ही शादी हो गई।
इन बातों का खुलासा ऐश्वर्या ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में फ्रंट लॉन में आयोजित सेशन स्टैंडिंग ऑन एन एप्पल बॉक्स: मेमोयर्स एंड मेमोरीज पर सुधा सदानंद से बातचीत करते हुए किया। जब सुधा ने सवाल किया कि रजनीकांत ने तो लव मैरिज की थी फिर वो कंजर्वेटिव कैसे हुए। इसका जवाब देते हुए ऐश्वर्या ने कहा कि इनके दादा-दादी कंजर्वेटिव नहीं थे, इसलिए उनकी लव मैरिज हो सकी।
ऐश्वर्या ने बताया कि इनकी बुक एन एप्पल बॉक्स में स्टार किड्स की कहानी है। ये किताब बताएगी कि स्टार किड्स भी आम लोगों की तरह ही जीवन जीते हैं। इन्होंने बताया कि इनका बचपन अन्य बच्चों की तरह ही गुजरा। ये बंग्लुरू में रहती थीं। तब ये सब्जी लाने से लेकर घूमना-फिरना सब सामान्य बच्चों की तरह ही था। जब ये तमिलनाडु में कॉलेज की पढ़ाई के लिए गईं तब भी ये सामान्य स्टूडेंट्स की तरह की थीं। इनके पिता अक्सर शूट पर रहते थे। ऐसे में इन्हें उनसे मिलने और बात करने का मौका बहुत कम मिल पाता था। ये अपनी मां के पास ज्यादा रहीं और उनके ज्यादा लगाव रहा, लेकिन ये दिखने में अपने पिता की तरह हैं और उनकी फेवरेट हैं।