होली के आने में एक हफ्ता भी नहीं बचा है. लोगों ने तैयारियां शुरू ही की थीं कि भारत में भी कोरोना की दस्तक से जनता का जोश काफी हद तक ठंडा पड़ गया है.
हालांकि फिर भी बाजारों में होली की दुकानें सज चुकी हैं और लोग खरीददारी भी जमकर कर रहे हैं. बाजार के ट्रेंड की बात करें तो इस बार रंगों के त्योहार होली पर हर्बल और ऑर्गेनिक कलर की डिमांड लगभग डबल हो गई है. जहां पहले 100 में से 50 लोग हर्बल और ऑर्गेनिक कलर मांगते थे, उनकी संख्या अब बढ़कर 80 हो गई है.
इस बार होली की खरीददारी में एक बात और देखने को मिली. इस बार लोग चीनी पिचकारी और होली के अन्य सामानों से दूरी बनाकर चल रहे हैं. सदर बाजार में रंग और गुलाल के थोक विक्रेता कुलविंदर सिंह ने बताया, “टॉय गन, वाटर गनर पिचकारी ये चीनी आइटम होली के वक्त डिमांड में होते हैं.
भारत में तो ये चीनी माल पिछले साल नवंबर में ही आ गया था लेकिन अभी तक बिक नहीं पाया है. रंग-गुलाल में 90 फीसदी भारतीय माल की ही डिमांड होती है.”
होली के त्योहार पर इस बार कोरोना की दहशत की झलक साफ नजर आ रही है. कोरोना के डर से ही लगभग-लगभग सभी आरडब्ल्यूए ने होली मिलन के पूर्वनियोजित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
इस बारे में सदर बाजार ट्रेडर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता ने कहा, “कोरोना की दहशत से कोई नया काम नहीं कर रहे पर दिल्ली के दंगे और कोरोना आने के पहले के तयशुदा प्रोग्राम के लिए दिल तो गंवारा नहीं करता लेकिन इसके लिए होटल समेत तमाम बुकिंग पहले ही हो चुकी हैं, ऐसे में उसे कैसे रद्द कर सकते हैं.”
होली को लेकर डेढ़ महीने पहले जो माल आया हुआ था, वह गोदाम में बंद पड़ा है. कोरोना की दहशत होने की वजह से न बिक्री है और ना ही माल वहां से आ रहा है. लिहाजा इस बार की होली फीकी लगती है.
सुनील कुमार ने बताया कि चाइना में कोरोना वायरस का कहर शुरू होने से पहले ही होली का माल दिल्ली में आ गया था लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि अभी तक चाइनीज माल की बिक्री बिलकुल भी नहीं हुई है. इसकी वजह लोगों में कोरोना वायरस को लेकर फैली हुई दहशत है. वहीं इस बार चाइनीज पिचकारी की बिक्री भी ना के बराबर है.
सचेत गुप्ता ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में कोरोना के मामले सामने आने की वजह से दो दिनों से हैंड सैनिटाइजर की बिक्री काफी बढ़ गई है. लेकिन हमारे पास इसकी सप्लाई बहुत कम है और सैनिटाइजर धड़ाधड़ बिक रहा है, जिस वजह से दुकानों पर इसकी कमी हो रही है.