दो दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि चीन नॉर्थ कोरिया को तेल की सप्लाई करने दे रहा है और रंगे हाथों पकड़ लिया गया. उन्होंने इसे बेहद दुखद करार दिया. दूसरी ओर, रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी टैंकर भी नॉर्थ कोरियाई जहाज को तेल देते पकड़ में आए हैं. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने नॉर्थ कोरिया को तेल की सप्लाई पर बैन लगा दिया था और तब चीन से भी इसका समर्थन किया था. आइए जानते हैं पूरा मामला…
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की खुफिया सैटेलाइट में कई तस्वीरें कैद हुईं जिनमें नॉर्थ कोरिया के जहाजों में तेल भरते अन्य जहाज दिखाई दिए थे.
उधर, उत्तर कोरिया ने दावा किया कि उसने हॉन्गकॉन्ग में रजिस्टर्ड एक ऐसे जहाज को जब्त किया है जो नॉर्थ कोरिया को तेल सप्लाई कर रहा था. हालांकि, वह जहाज उत्तर कोरिया से ताईवान जाने के लिए रवाना हुआ था.
ट्रंप ने चीन पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि जब तक नॉर्थ कोरिया को तेल की सप्लाई होता रहेगा, कोरियाई संकट का शांतिपूर्ण हल नहीं निकल सकता है.
दूसरी ओर, नॉर्थ कोरिया ने तेल पर लगाए गए बैन को युद्ध शुरू करने जैसी कार्रवाई कहा था.
नॉर्थ कोरिया पिछले कुछ महीने में कई मिसाइल टेस्ट करने के बाद विवादों के केंद्र में है. नॉर्थ कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र कई बैन लगा चुका है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर प्रतिक्रियास्वरूप सर्वसम्मति से उस पर आर्थिक प्रतिबंध और भी कड़े कर दिए थे. इससे नॉर्थ कोरिया का तेल आयात 90 प्रतिशत तक घट जाने की उम्मीद थी.
तब संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हेली ने कहा था, “यह प्रस्ताव उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाएगा. है. पिछली बार की तुलना में इस बार प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया गया है. .”
चीन के उपराजदूत वू हेताओ ने कहा था कि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही थी और खतरा बढ़ रहा था. वू ने इस मामले में अनर्गल बयानबाजी बंद करने का आह्वान किया है क्योंकि इससे तनाव ही बढ़ेगा.
नॉर्थ कोरिया संयुक्त राष्ट्र की चेतावनियों को दरकिनार कर अपना मिसाइल कार्यक्रम आगे बढ़ा रहा है.